COVID-19 vaccine: वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना के घातक रूप 'डेल्टा' के लिए 88% तक असरदार हैं ये दो टीके
By उस्मान | Published: July 22, 2021 12:03 PM2021-07-22T12:03:01+5:302021-07-22T12:03:01+5:30
वैज्ञानिकों का दावा फाइजर की दो खुराक अल्फा वैरिएंट के लिए 93.7% फीसदी प्रभावी है
कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है। दूसरी लहर के धीमे होने के कच्छ हफ्तों बाद एक बार से मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं। कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन की वजह से तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह आई है कि शोध से पता चला है कि फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो खुराक कोविड-19 के सबसे खतरनाक डेल्टा वैरिएंट के लिए सबसे प्रभावी है।
अल्फा वैरिएंट के लिए भी प्रभावी है एस्ट्राजेनेका
शोध में ये भी पाया गया कि फाइजर या एस्ट्राजेनेका की दो खुराक अल्फा वैरिएंट के लिए भी उतनी ही कारगर है जितनी की डेल्टा वैरिएंट के लिए। इस मामले में शोध से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के लिए भी अत्यधिक प्रभावी है।
दुनिया भर में चिंता का सबब बन चुके डेल्टा और अल्फा वैरिएंट के लिए या तो फाइजर या फिर एस्ट्रेजेनाक दो डोज सबसे इफेक्टिव पाए गए हैं। इस शोध में ये भी पाया गया कि सिर्फ एक टीका डेल्टा और अल्फा के लिए पर्याप्त नही है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, दुनिया भर के आंकड़ों के आधार पर फाइजर-बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाए गए COVID-19 टीकों की प्रभावशीलता पर काफी लंबा शोध चला जिसके बाद पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने इसके निष्कर्षों पर मुहर लगाई।
फाइजर की दो खुराक डेल्टा के लिए 88% प्रभावी
इस रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि, फाइजर वैक्सीन की दो खुराक डेल्टा वैरिएंट को रोकने 88% प्रभावी थी, जबकि अल्फा वैरिएंट के लिए 93.7% फीसदी प्रभावी है।
एस्ट्राजेनेका की दो खुराक डेल्टा के लिए 67% प्रभावी
वहीं एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दो टीके डेल्टा वैरिएंट में 67 % प्रभावी पाए गए हैं जबकि अल्फा वैरिएंट के लिए एस्ट्राजेनेका के दो टीके 74.5% प्रभावी हैं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में बताया कि, 'फाइजर या एस्ट्रेजनेका के दो टीके की प्रभावशीलता में डेल्टा की तुलना में अल्फा वैरिएंट की एफिशियंसी में मामूली अंतर देखा गया है। डेल्टा और अल्फा वैरिएंट को हराने के लिए इनमें से किसी एक की दो खुराक जरूरी है।
फाइजर की एक खुराक डेल्टा और अल्फा के लिए 36% प्रभावी
वहीं इस रिसर्च में ये भी सामने आया कि डेल्टा और अल्फा वैरिएंट के लिए फाइजर की एक खुराक 36% प्रभावी है जबकि एस्ट्राजेनेका के टीके की एक खुराक करीब 30% प्रभावी थी।
वहीं इसके अलावा ब्रिटेन में किए गए एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड से बनी एंटीबॉडीज न सिर्फ कोरोना के तमाम वैरिएंट्स पर असरदार हैं, साथ ही यह वैक्सीन ता-उम्र आपको कोरोना के गंभीर संक्रमण से सुरक्षित रखने में भी मदद कर सकती है।
भारत की दृष्टि से इस अध्ययन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यहां पर कोविशील्ड वैक्सीन सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जा रही है। इस शोध से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविशील्ड वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज और टी-कोशिकाएं कोरोना के नए वैरिएंट्स को भी आसानी से नष्ट कर सकती हैं।
ऑक्सफोर्ड सहित दुनिया के कई अन्य विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए हुए रिसर्च में सामने आया कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे एडेनोवायरस वैक्सीन शरीर को इस प्रकार से प्रशिक्षित कर देते हैं जिससे लंबे समय तक भी शरीर में महत्वपूर्ण टी-कोशिकाओं की स्वाभाविक रूप से निर्माण होते रहता है।