COVAXIN human trial update: कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' का ट्रायल ओडिशा में शुरू, जानें अब तक कैसे रहे परिणाम, कब आएगी बाजार में
By उस्मान | Published: July 28, 2020 10:08 AM2020-07-28T10:08:02+5:302020-07-28T10:32:08+5:30
Coronavirus Vaccine Covaxin update: भारत की पहली देसी वैक्सीन का 12 में से 4 संस्थानों में ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है और हर जगह अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं
कोरोना वायरस के इलाज के लिए भारत की पहली देसी कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' (Covaxin) का ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और एसयूएम हॉस्पिटल में भी शुरू हो गया है। इस वैक्सीन का पीजीआई-रोहतक, एम्स-दिल्ली और पीजीआई-पटना में भी मानव परीक्षण चल रहा है। यह चारों संस्थान इस वैक्सीन के लिए चयनित 12 संस्थानों में से हैं।
COVAXIN को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) ने ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और NIV (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी), पुणे के साथ मिलकर बनाया है और देश के 12 संस्थानों में इसका ह्यूमन ट्रायल होना है।
कैसे रहे है अभी तक के परिणाम
अगर इसके रिजल्ट की बात करें तो दिल्ली में एक 30 साल के व्यक्ति को यह टीका दिया गया था और उसमें किसी तरह के दुष्परिणाम नजर नहीं दिखे। इसी तरह पीजीआई-रोहतक में भी इस वैक्सीन ने अच्छे परिणाम दिखाए हैं।
पीजीआई-रोहतक में रहा अच्छा रिजल्ट
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, रोहतक में अध्ययन के चरण की अगुवाई कर रही डॉक्टर सविता वर्मा ने कहा कि मानव परीक्षण के लिए छह वालंटियर्स चयनित किये गए हैं और उनमें इस वैक्सीन के अच्छे परिणाम दिख रहे हैं। रिसर्च ग्रुप ने कहा है कि वैक्सीन का पहला चरण पूरा हो गया है। देशभर के 50 लोगों को टीका लगाया गया था और उसके परिणाम बेहतर रहे हैं।
दिल्ली-एम्स में नहीं दिखा कोई दुष्प्रभाव
एम्स-दिल्ली की एक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिस पहले वालंटियर को खुराक दी गई थी, उसकी निगरानी दो सप्ताह तक जारी रखी जाएगी। इंजेक्शन के बाद, उन्हें दो घंटे तक देखा गया और रोगी में कोई विशिष्ट या अन्य दुष्प्रभाव नहीं देखा गया।
पटना मेडिकल इंस्टीट्यूट में भी परिणाम बेहतर
इसके अलावा पटना के मेडिकल इंस्टीट्यूट में भी मरीजों को टीका लगना शुरू हो गया है। पहले दौर में अब तक नौ लोगों को खुराक दी गई है और अस्पताल की योजना है कि आने वाले हफ्तों में 18-20 और लोगों को टीके का परीक्षण किया जाए।
1) एम्स (दिल्ली) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से हरी झंडी मिलने के बाद शुरू हुआ है। डीसीजीआई देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था है। इस वैक्सीन को हाल ही में इस संस्था से मंजूरी मिली थी।
2) कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया है।
3) एम्स (दिल्ली) ने परीक्षण के लिए कुछ वालंटियर्स को पंजीकृत किया था। कोवाक्सिन का ह्यूमन ट्रायल होने से पहले वालंटियर्स का हेल्थ चेकअप होगा और यह देखा जाएगा कि वो इन परीक्षण के लिए कितने तैयार हैं।
4) ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल 375 वालंटियर्स की लिस्ट बनी है जिनमें से एम्स (दिल्ली) पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा। बाकी वालंटियर्स का अलग जगह पर परीक्षण होगा।
5) आईसीएमआर ने 12 संस्थानों को इस वैक्सीन के लिए चुना है 17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ, जहां तीन स्वयंसेवकों को कोवाक्सिन दिया गया।
6) एम्स-पटना और कुछ अन्य स्थानों पर भी परीक्षण शुरू हो गए हैं। उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में रेडकर अस्पताल में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उत्तरी गोवा का यह निजी अस्पताल 12 संस्थानों में से एक है।
7) गोवा के रेडकर अस्पताल में दस वालंटियर्स पर यह परीक्षण होगा। वालंटियर्स की रिपोर्ट उनकी पात्रता का पता लगाने के लिए दिल्ली भेजी गई है।
8) भारत में कोवाक्सिन के अलावा DCGI ने फार्मा दिग्गज Zydus Cadila को Covid -19 वैक्सीन के लिए मनुष्यों पर चरण I / II नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी है।
9) कोवाक्सिन और ज़ाइडस कैडिला वैक्सीन को चूहों और खरगोशों में परीक्षण में सफलता के बाद मानव परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली है। ये केवल दो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो भारत में मानव परीक्षण चरण तक पहुंची हैं।
10) कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।