Coronavirus Treatment: वैज्ञानिकों ने मानव एंटीबॉडी की खोज की, कोरोना के इलाज की जगी उम्मीद
By भाषा | Published: June 16, 2020 02:34 PM2020-06-16T14:34:28+5:302020-06-16T14:34:28+5:30
Coronavirus Treatment: वैज्ञानिकों की इस खोज से कोरोना वायरस के मरीजों में इलाज की उम्मीद जगी है
कोरोना वायरस का अभी तक कोई प्रभावी इलाज, दवा या टीका विकसित नहीं हुआ है। दुनियाभर के तमान वैज्ञानिक दिन-रात इस महामारी का इलाज खोजने में जुटे हैं। इस बीच यह पॉजिटिव खबर यह आई है कि वैज्ञानिकों ने कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके लोगों के रक्त से एंटीबॉडी की खोज की है, जिसका पशुओं और मानव कोशिकाओं पर परीक्षण किये जाने पर यह सार्स-कोव-2 से बचाव में बहुत कारगर साबित हुई हैं।
अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार कोविड-19 रोगियों को सैद्धांतिक रूप से बीमारी के शुरुआती स्तर पर एंटीबॉडी इंजेक्शन लगाए गए, ताकि उनके शरीर में वायरस के स्तर को कम करके उन्हें गंभीर हालत में पहुंचने से बचाया जा सके।
बिना लक्षणों वाले लोगों को मिल सकती है सुरक्षा
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा इन एंटीबॉडी का उपयोग उन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, बुजुर्गों और अन्य लोगों को सार्स-कोव-2 संक्रमण से बचाने के लिये अस्थायी तौर पर टीके जैसी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है, जिनपर पारंपरिक टीकों का कुछ खास असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है या फिर जिनमें शुरुआती स्तर के कोविड-19 के लक्षण दिखाई दिये हैं।
वायरस से बचाव की जगी उम्मीद
विज्ञान से संबंधित पत्रिका ‘साइंस’ में सोमवार को प्रकाशित यह अनुसंधान इस घातक वायरस से तुरंत बचाव का रास्ता दिखाता है। शोध के दौरान उन मरीजों से रक्त के नमूने लिए, जो हल्के-से-गंभीर स्तर के कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए हैं। इसके बाद उन्होंने एसीई2 नामक परीक्षण कोशिकाएं विकसित कीं, जिनका इस्तेमाल कर सार्स-कोव-2 मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है।
एंटीबॉडी महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया देने में कारगर
प्रारंभिक प्रयोगों के दौरान टीम ने परीक्षण किया कि क्या मरीजों के एंटीबॉडी युक्त रक्त वायरस के प्रभाव को कम कर उसे परीक्षण कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोक सकते हैं। स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के डेनिस बर्टन ने कहा, "ये शक्तिशाली एंटीबॉडी महामारी के खिलाफ तेज प्रतिक्रिया देने में बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।"
भारत में कोरोना के मामले बढ़कर 3,43,091 हुए
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अब तक 439,196 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है जबकि 8,118,671 लोग संक्रमित हुए हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में कोविड-19 के 10,000 से अधिक नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,43,091 हो गए। वहीं 380 और लोगों के जान गंवाने के बाद मरने वालों की संख्या 9,900 हो गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 10,667 नए मामले सामने आए हैं। मंत्रालय के अनुसार देश में अभी 1,53,178 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 1,80,012 लोग ठीक हो चुके हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ अभी तक मरीजों के ठीक होने की दर 52.46 प्रतिशत के करीब है।’’ कुल पुष्ट मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल है। अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद भारत में ही कोविड-19 के सबसे अधिक मामले हैं। अमेरिका के जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार भारत संक्रमण से सबसे अधिक मौतों के मामलों की सूची में आंठवें नंबर पर है।
कोरोना वायरस से अब तक कुल 9,900 लोग जान गंवा चुके हैं। इसमें से महाराष्ट्र में अब तक 4,128 लोगों की, गुजरात में 1,505 लोगों की और दिल्ली में 1,400 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल में 485, मध्य प्रदेश में 465, तमिलनाडु में 479, और उत्तर प्रदेश में 399 लोगों की मौत हो गई है। राजस्थान में 301, तेलंगाना में 187, हरियाणा में 100, कर्नाटक में 89 ,आंध्र प्रदेश में 88, पंजाब में 71, जम्मू कश्मीर में 62, बिहार में 40, उत्तराखंड में 24 और केरल में 20 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है।
ओडिशा में अब तक 11 , झारखंड ,छत्तीसगढ़, असम और हिमाचल प्रदेश में आठ-आठ लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार चंडीगढ़ में छह और पुडुचेरी में पांच, मेघालय,त्रिपुरा और लद्दाख में एक- एक मरीज की मौत हुई है। संक्रमण के सर्वाधिक 1,10,744 मामले महाराष्ट्र में है। तमिलनाडु में कोरोना वायरस के 46,504, दिल्ली में 42,829 , गुजरात में 24,055 , उत्तर प्रदेश में 13,615 , राजस्थान में 12,981, पश्चिम बंगाल में 11,984 और मध्य प्रदेश में 10,935 मामले सामने आए हैं।