COVID 3rd wave: क्या बच्चों के लिए वाकई घातक होगी तीसरी लहर ?, जानिये एम्स निदेशक ने क्या कहा
By उस्मान | Published: June 4, 2021 11:19 AM2021-06-04T11:19:33+5:302021-06-04T11:22:19+5:30
बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे
भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इसमें लाखों लोग संक्रमित हो गए और हजारों लोगों की मौत हो गई और सिलसिला अभी जारी है। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी जताई है और कहा जा रहा है कि इसमें सबसे ज्यादा बच्चें प्रभावित होंगे।
कोरोना की तीसरी के बारे में एम्स ने क्या कहा
बच्चों पर तीसरी लहर के संभावित प्रभाव पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोविड-19 की आगामी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैलेगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।
उन्होंने कहा, 'पहले एवं दूसरे चरण के आंकड़ों से पता चलता है कि बच्चे सामान्य तौर पर कोविड-19 से सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण हो भी रहा है तो यह मामूली है।'
बच्चों में कोरोना के मामूली लक्षण
उन्होंने कहा, 'अगर हम पहले एवं दूसरे चरण के आंकड़ों को देखते हैं तो यह काफी मिलता-जुलता है और यह दिखाता है कि बच्चे सामान्य तौर पर सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण होता भी है तो उनमें मामूली संक्रमण आता है। और वायरस बदला नहीं है इसलिए इस तरह के संकेत नहीं हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे।'
उन्होंने कहा कि इस तरह की संकल्पना है कि वायरस शरीर में एसीई रिसेप्टर (एक तरह का इंजाइम जो आंत, किडनी, हृदय की कोशिकाओं से जुड़ा होता है) के माध्यम से प्रवेश करता है और वयस्कों की तुलना में बच्चों में यह रिसेप्टर कम होता है।
बच्चों के प्रभावित होने का कोई ठोस सबूत नहीं
गुलेरिया ने कहा, 'जिन लोगों ने इस सिद्धांत को प्रचारित किया उनका कहना है कि अभी तक बच्चे प्रभावित नहीं हुए हैं, इसलिए संभवत: तीसरी लहर में वे ज्यादा प्रभावित होंगे। लेकिन अभी तक साक्ष्य नहीं मिला है कि आगामी लहर में बच्चों में इसका गंभीर संक्रमण होगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।'
आपको बता दें कि यह टिप्पणी उन विशेषज्ञों की राय के परिप्रेक्ष्य में आई है जिन्होंने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर में वयस्कों की तुलना में बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं और इसकी तैयारियां करने की जरूरत है।
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने हाल में कहा था कि बच्चों में भी वयस्कों के जितना ही संक्रमण का खतरा प्रतीत होता है, लेकिन 'तीसरी लहर में विशेष रूप से बच्चों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है।'
देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा है कि देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारों को बच्चों एवं नवजातों को बचाने के लिए तैयारियां तेज करनी चाहिए।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)