कोरोना संकट में इन 4 लक्षणों को लेकर गंभीर हो गए हैं लोग, आप में भी दिखें तो तुरंत जाएं डॉक्टर के पास
By भाषा | Published: May 11, 2020 04:40 PM2020-05-11T16:40:44+5:302020-05-11T16:40:44+5:30
जानिये क्या हैं वो लक्षण जिन्हें लेकर लोग अब और ज्यादा सतर्क हो गए हैं
कोविड-19 संकट के दौरान लोग अपने से अधिक अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। उसने कहा कि लोग अब शरीर में आ रहे मामूली परिवर्तनों को लेकर भी अधिक सजग हैं, यहां तक की हल्के बुखर, खांसी और छींकने को लेकर भी।
कोविड-19 के प्रकोप को लेकर लोगों की चिंता, उनके इससे निपटने के तरीके और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया के संबंध में गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की डॉक्टर दिव्या सिंघल और प्रोफेसर पद्मनाभन विजयराघवन ने एक अध्ययन किया। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले 231 लोगों को शामिल किया गया। सिंघल ने कहा, ‘‘ करीब 82.25 प्रतिशत लोग अपने से अधिक अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अधिकतर लोग अब शरीर में आने वाले परिवर्तनों को लेकर अधिक सजग हो गए हैं,जैसे मामूली जुकाम, खांसी, छींकना और वे जो कि कोविड-19 के लक्षण हैं।’’
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने के साथ ही ऑनलाइन मंचों पर फिल्में भी अधिक देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग इस बात पर भी सहमत हुए कि दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सम्पर्क में रहने के कारण उनका टेक्नॉलॉजी (प्रौद्योगिकी) का इस्तेमाल भी बढ़ गया है।
अध्ययन में यह भी सामने आया कि कई लोगों को घातक बीमारी के संदेश (फॉरवर्ड मैसेज) पढ़ना भी काफी ‘‘निराशाजनक’’ लगता है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि इनमें से 41 प्रतिशत लोग लॉकडाउन के दौरान योग या व्यायाम जैसी कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण के 4,213 मामले सामने आए हैं जिससे सोमवार तक देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 67,152 पर पहुंच गई। वहीं 97 लोगों की मौत के बाद कोरोना वायरस अब तक देश में 2,206 लोगों की जान ले चुका है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ अब तक 31.15 फीसदी लोग स्वस्थ हो चुके हैं।’’ रविवार सुबह से 97 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से महाराष्ट्र के 53, गुजरात के 21, पश्चिम बंगाल के 14 और तमिलनाडु के तीन लोग हैं। वहीं आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक और राजस्थान के एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
देश में कुल 2,206 मौतों में से महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा 832 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं गुजरात में 493, मध्य प्रदेश में 215, पश्चिम बंगाल में 185, राजस्थान में 107, उत्तर प्रदेश में 74, दिल्ली में 73, तमिलनाडु में 47 और आंध्र प्रदेश में 45 लोगों की मौत हुई है। कर्नाटक और पंजाब में 31-31 लोगों की मौत हुई।
इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 231 लोगों में से 145 पुरुष और 86 महिलाएं थी, जिनमें से सभी की उम्र 18 और उससे अधिक थी। 47.62 प्रतिशत लोग निजी या सरकारी क्षेत्र में नौकरी करते हैं और बाकी छात्र, सेवानिवृत्त कर्मचारी और गृहिणियां हैं।