Coronavirus effects: अवसाद जैसी 15 मुसीबतों का कारण बन रहा है कोरोना वायरस, 5 उपायों से करें संकट का सामना
By उस्मान | Published: June 27, 2020 02:50 PM2020-06-27T14:50:12+5:302020-06-27T15:12:12+5:30
कोरोना काल में मानसिक रोगों का बढ़ा खतरा, इन आसान उपायों को अपनाकर अपना जीवन आसान बनाएं
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 18,552 नए मामले सामने के बाद शनिवार को संक्रमित लोगों की कुल संख्या पांच लाख से अधिक हो गई तथा 384 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 15,685 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक इस महामारी की जद में आने वालों की कुल संख्या 5,08,953 हो गई है। इस अवधि में 384 और लोगों की जान गई है जिससे मृतक संख्या बढ़कर 15,685 तक पहुंच गई है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक लाख तक पहुंचने में 110 दिन का समय लगा जबकि 27 जून को पांच लाख का आंकड़ा छूने में मात्र 39 और दिन लगे। यह लगातार चौथा दिन है, जब संक्रमण के 15,000 से अधिक मामले रोजाना सामने आए हैं।
देश में में कोविड-19 का प्रकोप तेजी से बढ़ने के बीच मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक महामारी कुछ मामलों में वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में तीव्र घबराहट पैदा करती है जो कई बार अवसाद का रूप ले लेती है और कुछ लोगों को तो आत्महत्या के कगार पर भी ले जाती है।
कोरोना की वजह से बढ़ रही है बेचैनी
विशेषज्ञों के मुताबिक घबराहट, संक्रमण का भय, अत्यधिक बेचैनी, निरंतर आश्वासन की मांग करते रहने वाला व्यवहार, नींद में परेशानी, बहुत ज्यादा चिंता, बेसहारा महसूस करना और आर्थिक मंदी की आशंका लोगों में अवसाद एवं व्यग्रता के प्रमुख कारक हैं। नौकरी चले जाने का भय, आर्थिक बोझ, भविष्य को लेकर अनिश्चितता और भोजन एवं अन्य जरूरी सामानों के खत्म हो जाने का डर इन चिंताओं को और बढ़ा देता है।
बढ़ रहे हैं मानसिक विकार के मामले
कोविड-19 के प्रकोप के बाद से ऑनलाइन मंचों पर भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर मदद मांगने वालों की संख्या बढ़ती हुई देखी गई है। इनमें बेचैनी से लेकर अकेलेपन और अपनी उपयोगिता से लेकर नौकरी चले जाने की चिंता जैसी तमाम समस्याएं शामिल हैं।
तमिलनाडु में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में निदेशक, डॉ आर पूर्णा चंद्रिका ने बताया कि अप्रैल अंत तक करीब 3,632 फोन आए और 2,603 कॉलर को मनोरोग परामर्श दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास जिलों में अपने केंद्रों पर समर्पित सेवाएं हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लिए आने वाली कॉल को संबंधित संस्थानों को भेज दिया जाता है।”
ऐसी स्थिति में मानसिक संतुलन का बिगड़ना आम समस्या है लेकिन अगर समय रहते आपने ध्यान नहीं दिया तो समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप चिंता, बेचैनी, उदासी, अवसाद जैसी समस्याओं से छुटकारा पाकर खुशी और शांति से अपना जीवन बिता सकते हैं।
1) एक दिनचर्या बनाए रखें
कोरोना संकट में आप खाने-पीने, सोने-उठने और काम करने के तरीकों पर ध्यान दें। आपको अभी भी आठ घंटे की अच्छी नींद की जरूरत होती है, उसी तरह जैसे कि लॉकडाउन शुरू हुआ था। आपको अभी भी कुछ व्यायाम की आवश्यकता है। आपकी जीवनशैली आपके समग्र स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डाल सकती है। इसलिए आप खुश रहने के लिए इस रूटीन में बहुत अधिक बदलाव न करें। समय पर खाएं, समय पर सोएं और एक्सरसाइज जरूर करें।
2) आभार व्यक्त करें
बेशक यह समय बुरा चल रहा है लेकिन अगर आप सुरक्षित हैं तो आपको इसके लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए। यह बहुत सरल है, अपने आसपास की चीजों को महसूस करने के लिए कुछ मिनट निकालें और उन चीजों की सराहना करें जिनके लिए आप आभारी हैं। इसे नियमित रूप से करें और यह आपको अधिक सकारात्मक और आशावादी महसूस करने में मदद कर सकता है।
3) अपने मन को व्यवस्थित करें
इस तरह के तनाव के दौरान बेहद बिखराव महसूस करना किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन यह आपके दिमाग या आपके जीवन के लिए स्वस्थ नहीं है। इससे चीजें हाथ से फिसल जाएंगी और आपको और भी अधिक तनाव का कारण बन सकती हैं। अपने सभी कार्यों और कामों को संक्षेप में बताने के लिए एक डायरी या टू-डू सूची का प्रबंधन करें ताकि आपके पास एक ही स्थान पर सब कुछ हो और अपने कार्यों को अधिक कुशलता से योजनाबद्ध करें।
4) लोगों से जुड़े रहें
अकेलापन लॉकडाउन की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। यह कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। कुछ समय के लिए आपके द्वारा कहे गए मित्र को कॉल करें और अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में रहें। इस दौरान भावनात्मक समर्थन के लिए एक-दूसरे पर निर्भर होने की आवश्यकता है।
5) एक ब्रेक लें
बहुत अधिक तनाव आपको आसानी से चिढ़चिढ़ा बना सकता है जिससे आपकी स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है। आप अपने कामों से कुछ नियमित ब्रेक लेकर खुद को हल्का और अधिक सकारात्मक बना सकते हैं। आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इन विरामों के दौरान ध्यान या साँस लेने के व्यायाम की कोशिश कर सकते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)