Coronavirus pandemic: हवा में कितनी दूरी तक फैल सकता है कोरोना वायरस, क्या हैं इससे बचने के उपाय?
By प्रिया कुमारी | Published: July 8, 2020 11:19 AM2020-07-08T11:19:14+5:302020-07-08T11:26:57+5:30
तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने दावा किया है ये वायरस हवा में फैल रहा है, जिससे संक्रमण और भी तेजी से फैल सकता है। हवा में कितनी तेजी से फैल रहा ये वायरस,इससे बचने के लिए क्या उपाय करें? आइए जानते हैं।
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी पैर पसार रहा है, दिन पर दिन कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। भारत में अब तक कोरोना की संख्या बढ़कर 7 लाख से पार हो चुकी है। ऐसे में कोरोना को लेकर नई-नई चीजें भी सामने आ रही है। कोरोना की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि जिस तरीके से वह फैल रहा है कि इंसान को पता भी नहीं चल पाता है। हाल में WHO ने भी ये माना है कि कोरोना अब हवा से भी फैल रहा है। ऐसे में ये काफी चिंता का विषय है क्योंकि हम सांस लेते समय भी संक्रमित हो सकते हैं। डबल्यूएचओ ने इस बात का दावा किया है कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या जोर से बोलने के दौरान निकले छोटे कण हवा के जरिये दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
लाइव मिंट के एक रिपोर्ट के अनुसार,डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 महामारी से जुड़ी टेक्निकल हेड डॉक्टर मारिया और बेनेडेटा एलेग्रेंजी ने कहा है कि हम हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने की आशंका पर बात कर रहे हैं। प्रकाशित ओपन लेटर में वैज्ञानिकों ने इस बात के प्रमाण दिए कि वायरस के कण सांस के जरिये शरीर में जाकर लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क है कि छोटे कण हवा में घूम सकते हैं और सांस लेने के दौरान अंदर जा सकते हैं।
हवा में कितनी दूर तक फैल सकता है कोरोना ?
हवा में कोरोना कितनी दूरी तक फैल सकता है कि इस सवाल के जवाब में डॉक्टर बताते हैं कि हवा के जरिये यह बीमारी फैलता तो है, लेकिन हमें यह जानना होगा कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है या फिर छींकता है, बोलता है, तो उसके मुंह से निकलने वाले छोटे बूंद हवा में एक मीटर से लेकर छह मीटर तक फैल सकते हैं। इस बात को लेकर कुछ डॉक्टरों ने असहमती जताई।
डॉक्टर ने बताया कि किसी संक्रमित के छींकने से जो कण निकलते हैं वह किसी दूर खड़े शख्स के तक पहुंच सकता है या नहीं ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसकी गति कितनी है या वहां का मौसम कैसा है, उन्होंने कहा कि अगर हम किसी बंद कमरे या जगह पर होते हैं तो वहां पर वायरस की फैलने का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन जब किसी खुले जगह पर होते हैं तो वायरस के फैलने की आशंका कम हो जाती है।
घर के अंदर भी लगाना पड़ सकता है मास्क
वैज्ञानिको का कहना है कि मास्क लगाना हमारे लिए बेहद जरूरी है, इसके साथ ही बेवजह घर से बाहर न निकले। अगर बाहर जाते भी हैं तो लोगों से दूरी बनाए रखे। कोरोना वायरस का प्रसार हवा के जरिये हो रहा है, तो खराब वेंटिलेशन और भीड़ वाले स्थानों में इसकी रोकथाम के लिए बड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा है कि इससे बचने के लिए घर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने कहा मेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह के मास्क कोरोना वायरस रोगियों के बोलने, खांसने और छींकने से निकलने वाली छोटी से छोटी श्वसन बूंदों को भी छान लेते हैं।
सुझाव में उन्होंने ये भी कहा है कि स्कूलों, नर्सिंग होम, घरों और व्यवसायों में वेंटिलेशन सिस्टम जगहों पर प्रसार को कम करने के लिए शक्तिशाली नए फिल्टर लगाने की आवश्यकता हो सकती है। छोटी बूंदों में घर के अंदर तैरने वाले वायरल कणों को मारने के लिए पराबैंगनी रोशनी की आवश्यकता हो सकती है।