Coronavirus Medicine: भारत में आ गई कोरोना वायरस की दवाई, एक पत्ते की इतनी है कीमत
By प्रिया कुमारी | Published: June 21, 2020 10:59 AM2020-06-21T10:59:59+5:302020-06-22T11:54:33+5:30
कोरोना वायरस के लिए दवाई भारत में आ गई है, जिसकी कीमत 103 रु प्रति टैबलेट है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को कोरोना के लिए एंटिवायरल दवा फेविपिराविर बनाने और बाजार में बेचने के लिए परमिशन दे दी गई है।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए पहली दवाई भारत में आ गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को कोरोना के लिए एंटिवायरल दवा फेविपिराविर बनाने और बाजार में बेचने के लिए परमिशन दे दी गई है। कंपनी फैबिफ्लू के नाम से यह दवा बनाती है। एक टैबलेट की कीमत 1o3 रुपये पड़ेगी। 34 टैबलेट की एक पूरी स्ट्रिप 3500 रुपये में उपलब्ध होगी। फैबिफ्लू दवा को माइल्ड से मॉडरेट सिम्प्टम्स वाले मरीज के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा। यह दवाई अस्पतालों के प्रिस्क्रिप्शन पर मेडिकल स्टोर्स में मिलेगा।
ये दवाई कोशिकाओं में जाने वाले वायरस को रोकती है। ग्लेनमार्क ने 90 माइल्ड लक्षणों और 60 मॉडरेट लक्षणों वाले मरीजों पर दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। यह दवाई मरीजों की कोशिकाओं में जाती और वायरल लोड को कम करने के लिए वायरस को अपनी फैलने से रोकती है। ये दवाई संक्रमण के शुरुआती स्टेज में शरीर में वायरस को फैलने से रोकने में यह दवा असरदार है।
रिसर्चस के मुताबिक फैबिफ्लू दवाई का इस्तेमाल शुरुआती स्टेज में किया जाना चाहिए। बाद में स्टेज ज्यादा होने पर वायरस रेप्लिकेशन धीमा पड़ जाता है। बॉडी में हिंसक इम्यून रेस्पांस कई तरह की परेशानी को पैदा कर देता है और शरीर का ऑर्गन फेल्योर हो जाता है।
दवाई बनाने वाली कंपनी के मुताबिक, मरीज को पहले दिन 200 एमजी की टैबलेटेस दी जाएगी। अगले दिन से 200MG की 4-4 टैबलेट्स खिलाकर मॉनिटर किया जाएगा। ट्रायल के रिजल्ट्स के रिजल्टस बताते हैं कि 80 प्रतिशत मरीजों पर इस दवाई का असर दिखा।
ड्रग कंट्रोलक जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने इस दावा को महामारी के चलते इमजेंसी कैटगरी में मंजूरी दे दी है। ग्लेनमार्क पहली ऐसी कंपनी है जो माइल्ड और मॉडरेट कोरोना के लिए ओरल एंटीवायरल ड्रग लेकर आई है।