Covid update in India: भारत में कोरोना के मामले 3.14 करोड़ पार, एम्स ने बताया कब आ सकती है तीसरी लहर
By उस्मान | Published: July 26, 2021 11:09 AM2021-07-26T11:09:35+5:302021-07-26T11:09:35+5:30
देश में 416 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,20,967 हो गई।
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 39,361 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,14,11,262 हो गई। वहीं, 35 दिन बाद नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर तीन प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में 416 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,20,967 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,11,189 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.31 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 2,977 बढ़ोतरी हुई है।
मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.35 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 45,74,44,011 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 11,54,444 नमूनों की जांच रविवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 3.41 प्रतिशत है।
नमूनों में संक्रमण की पुष्टि की साप्ताहिक दर 2.31 प्रतिशत है। अभी तक कुल 3,05,79,106 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 43.51 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
कब आ सकती है तीसरी लहर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेशक धीमी हो गई है लेकिन अब तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। इसे लेकर विशेषज्ञ अलग-अलग दावे कर रहे हैं। माना जा रहा है कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स सतर्क हो गए हैं और सुरक्षित रहने की सलाह दे रहे हैं।
इस बीच एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि हाल ही में हुए सीरो सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि देश की बड़ी आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं। इसका मतलब यह है कि इन लोगों को संभावित तीसरी लहर से काफी हद तक सुरक्षित माना जा सकता है।
लोगों में बन चुकी है एंटीबॉडीज
डॉ गुलेरिया का बयान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा किए गए चौथे राष्ट्रीय कोविड सीरो सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि भारत की दो-तिहाई आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं।
डॉ गुलेरिया ने कहा कि अगर हम कोरोना से बचाव के उपायों को प्रयोग में लाने में कोई लापरवाही नहीं बरतते हैं तो तीसरी लहर को अधिक प्रभावी होने से रोका जा सकता है।
कोरोना की तीसरी लहर के बारे में बताते हुए डॉ गुलेरिया कहते हैं, ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि सितंबर-अक्टूबर के दौरान देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दूसरी लहर की तरह गंभीर नहीं होगी।
राज्यों ने दूसरी लहर के दौरान लगे लॉकडाउन को धीरे-धीरे खत्म कर दिया है, लोग फिर से घरों से बाहर निकलने लगे हैं। इस समय अगर हम कोविड से बचाव के नियमों को लेकर सतर्क रहते हैं तो तीसरी लहर को ज्यादा प्रभावी होने से रोका जा सकता है। कोरोना से बचाव के उपायों को लेकर की गई लापरवाही भारी पड़ सकती है।
कितनी गंभीर होगी कोरोना की तीसरी लहर
कोरोना की तीसरी लहर की गंभीरता को लेकर एम्स निदेशक ने कहा कि हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि वायरस कैसे व्यवहार करेगा, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में वायरस में कोई और म्यूटेशन देखने को नहीं मिलेगा।
देश में लोगों का तेजी से वैक्सीनेशन किया ही जा रहा है और सीरोसर्वे के अनुसार ज्यादातर लोगों में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि तीसरी लहर ज्यादा गंभीर नहीं होगी।
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के उपाय
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह लहर पिछली लहरों की तुलना में कम प्रभावशाली होगी।
कोविड प्रोटाकाल जैसे शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क का उपयोग करने और वैक्सीन लेने से तीसरी लहर को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न परिदृश्यों के तहत महामारी की संभावित तीसरी लहर के आकलन के लिए कई अध्ययन और मॉडलिंग किए गए हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)