पद्म भूषण डॉ. नागेश्वर रेड्डी का दावा, कोरोना वायरस से आसानी से जीता जा सकता है, बस करने होंगे ये काम

By उस्मान | Published: March 30, 2020 12:29 PM2020-03-30T12:29:08+5:302020-03-30T12:58:21+5:30

डॉक्टर का दावा है कि भारत में कोरोना की स्थिति चीन और इटली से अलग है और इस पर आसानी से काबू पाया जा सकता है

Coronavirus in India : Padma Bhushan Dr D Nageshwar Reddy explain how to stop spreading of covid-19 in India | पद्म भूषण डॉ. नागेश्वर रेड्डी का दावा, कोरोना वायरस से आसानी से जीता जा सकता है, बस करने होंगे ये काम

पद्म भूषण डॉ. नागेश्वर रेड्डी का दावा, कोरोना वायरस से आसानी से जीता जा सकता है, बस करने होंगे ये काम

कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश लॉकडाउन की मार झेल रहा है। सभी लोग दहशत की वजह से अपने घरों में कैद हैं। बाजार-व्यापार सब ठप्प पड़े हुए हैं। लॉकडाउन 14 अप्रैल तक जारी रहेगा और इसके बाद भी गारंटी नहीं है कि हालात सामान्य हो जाएं। लेकिन इस बीच एक राहत भरी खबर आई है।

मेडिकल एक्सपर्ट डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से हम आसानी से जीत सकते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि मौजूदा लॉकडाउन 3-4 सप्ताह से अधिक लम्बा नहीं होना चाहिए। 

डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं, जिन्हें 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था और जो वर्तमान में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।

वायरस के जीनोटाइप बदल गए
न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू के अनुसार, डॉक्टर नागेश्वर ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति और इसके फैलने के तरीके पर अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि यह वायरस की उत्पत्ति चीन में दिसंबर में वुहान शहर में हुई। वुहान से इटली, अमेरिका और यूरोप जैसे पश्चिमी देशों में फैला। लगभग दो या तीन सप्ताह के अंतराल के बाद यह वायरस इन क्षेत्रों से भारत में आया। इसलिए, इस वायरस का अध्ययन करने के लिए हमारे पास तीन या चार सप्ताह का अंतराल था।

कोरोना वायरस एक आरएनए वायरस है। ऐसा माना जाता है कि यह वायरस चमगादड़ से मनुष्य में फैला है लेकिन यह सीधे चमगादड़ से आया या नहीं, हमें अभी भी यकीन नहीं है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यह वायरस इटली या अमेरिका या भारत में फैला, तो इस वायरस के जीनोटाइप अलग हो गए। पूरे वायरस की सीक्वेंसिंग चार देशों में की गई है- पहली अमरीका में, दूसरी इटली में, तीसरी चीन में और चौथी भारत में।

अब यह पता चला है कि इस वायरस की इटली के मुकाबले भारत में एक अलग जीनोम है। इसका बहुत अधिक महत्व है क्योंकि भारतीय वायरस में जीनोम के स्पाइक प्रोटीन में एक एकल उत्परिवर्तन होता है। स्पाइक प्रोटीन वह क्षेत्र है जो मानव कोशिका से जुड़ता है। इसलिए यह भारत में हमारे लिए एक महत्वपूर्ण कारक बन जाएगा।

70-80 वर्ष से ऊपर के लोगों को है ज्यादा खतरा
इटली में फैले वायरस में, तीन उत्परिवर्तन हुए हैं, जिससे यह इन लोगों के लिए अधिक घातक है। इटली में इसके घातक होने के कई अन्य कारण भी हैं जिनमें कई रोगियों की आयु 70-80 वर्ष से ऊपर है, स्मोकिंग, शराब, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसे कारक शामिल हैं। इसलिए यहां मृत्यु दर का स्तर 10 फीसदी के साथ सामान्य से अधिक है। जबकि भारत, अमेरिका में, चीन में मृत्यु दर केवल 2% है। वायरस के जीनोम के आधार पर मृत्यु दर और संक्रमण दर में भिन्नता है। इम्युनिटी सिस्टम भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 

कोरोना वायरस के टेस्ट बढ़ाने होंगे
कोरोना से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन करने के विचार पर डॉक्टर ने कहा कि इसे रोकने के सिर्फ दो उपाय हैं। पहला, पूरी तरह लॉकडाउन और दूसरा,सब कुछ खुला रखना और हर किसी का परीक्षण करना। दक्षिण कोरिया ने यही किया है। दक्षिण कोरिया में सब-कुछ अभी भी खुला है लेकिन उन्होंने आबादी का व्यापक परीक्षण किया और जो लोग सकारात्मक हैं उन्हें जल्दी से अलग कर दिया गया है। 

भारत में लॉकडाउन जरूरी था जो 2-3 हफ्ते तक रहेगा, लेकिन सवाल यह है कि इसके बाद क्या होगा? इस पर डॉक्टर ने कहा कि हमें कुछ और उपायों पर काम करना चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने चाहिए। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल एक निश्चित उम्र से ऊपर के लोगों की बड़े पैमाने पर जाँच और अलग किया जाना चाहिए।

ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए लॉकडाउन
इस लॉकडाउन को तीन सप्ताह तक सीमित रखना चाहिए। ऐसा करके इसे तीसरे चरण में जाने से रोका जा सकता है जिसमें वायरस समुदाय द्वारा फैलता है। हालांकि इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा रहा है। ज्यादा लम्बे समय तक तालाबंदी करना बहुत मुश्किल है क्योंकि सामाजिक अशांति बढ़ेगी।

बच्चों और जवानों को कम खतरा
वायरस के फैलने से दहशत का माहौल बना है इस पर डॉक्टर ने कहा है कि कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि दस साल तक बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होते, दूसरा जवान व्यक्ति भी इससे कम प्रभावित होते हैं। आम तौर पर, 70 वर्ष की आयु से ऊपर ऐसे व्यक्ति जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी समस्या है, तो उन्हें इसका खतरा अधिक होता है। अन्यथा, जो 60-65 की उम्र से ऊपर हैं, उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए।

आगे की तैयारियां भी हैं जरूरी
क्या लॉकडाउन का जारी समय इस वायरस से बचने के लिए काफी है? इस पर डॉक्टर ने कहा कि इस लॉकडाउन के बाद हम एक टीका बनाने जा रहे हैं और यह अब एक समस्या नहीं होगी। हमें अगले सीजन के लिए तैयार रहना होगा।

मान लीजिए कि यह वायरस मई / जून तक कम हो जाता है, हमें दिसंबर, जनवरी, फरवरी में बहुत सावधान रहना होगा क्योंकि यह अगले साल फिर से आ सकता है। उस समय तक हम न केवल चिकित्सा उपचार कर सकते हैं, बल्कि परीक्षण भी सस्ता और व्यापक हो जाएगा।  

English summary :
Medical expert Dr. Nageswara Reddy has claimed that we can easily cure by the coronavirus. There is no need to panic. He has also stated that the current lockdown should not be longer than 3-4 weeks.


Web Title: Coronavirus in India : Padma Bhushan Dr D Nageshwar Reddy explain how to stop spreading of covid-19 in India

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