Covid-19 : लॉकडाउन में उदासी, तनाव से बचने के लिए इस एक गलती से बचें, बढ़ सकता है बीमारी का खतरा
By भाषा | Published: March 31, 2020 04:16 PM2020-03-31T16:16:34+5:302020-03-31T16:16:34+5:30
इससे न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालेगा बल्कि दिमागी सेहत को भी प्रभावित करेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संकट की वजह से लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों को उदासी और एकाकीपन से निजात पाने के लिये तंबाकू और शराब के सेवन से बचने की सलाह देते हुये कहा है कि धूम्रपान या नशा, रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर डालेगा।
मंत्रालय ने लोगों को परामर्श दिया है कि तंबाकू और अल्कोहल का सेवन न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालेगा बल्कि दिमागी सेहत को भी प्रभावित करेगा।
मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण लोगों की दिनचर्या में आये बदलाव का सेहत पर पड़ने वाले संभावित असर को देखते हुये मंगलवार को परामर्श जारी कर जरूरी एहतियात बरतने की सार्वजनिक अपील की। उल्लेखनीय है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 1250 से अधिक मामले आ चुके हैं और 32 लोगों की मौत हो गयी है।
परामर्श में मंत्रालय ने लोगों अपील की है कि वे संक्रमण के संभावित दायरे में आने वालों के साथ शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाने के बजाय उन्हें उपचार और एहतियात के उपायों से अवगत करायें जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और रोगी को समय पर उपयुक्त इलाज की सुविधा भी मिल सके।
मंत्रालय ने लॉकडाउन की अहमियत रेखांकित करते हुये कहा कि इसका मकसद संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे लोगों में फैलने से रोकना और स्वयं एवं दूसरों की संक्रमण से सुरक्षा करना है। इसके तहत सिर्फ और सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिये ही बाहर जाना अपेक्षित है।
साथ ही मंत्रालय ने लोगों से अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्रों की पर्याप्त जानकारी रखने को जरूरी बताते हुये कहा कि ऐसा होने पर स्वास्थ्य सुविधा का समय पर लाभ उठाना आसान होगा। मंत्रालय ने माना कि लॉकडाउन के दौरान सबसे सामान्य बात जो उभर कर सामने आयी है, वह कोरोना वायरस महामारी के प्रति भय है।
इसके मद्देनजर मंत्रालय ने लोगों से भयभीत होने के बजाय सचेत और सक्रिय रहने की अपील की है। मंत्रालय ने लॉकडाउन जनित उदासी से निपटने के लिये लोगों से किसी भी प्रकार के नशे का सहारा बिल्कुल नहीं लेने की पुरजोर अपील की है। परामर्श में कहा गया है कि तंबाकू और अल्कोहल का शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और मनोदशा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे बचना चाहिए।