कोरोना के गंभीर मरीजों को किन-किन लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, उनकी मौत कैसे हो जाती है?

By उस्मान | Published: October 31, 2020 09:08 AM2020-10-31T09:08:40+5:302020-10-31T09:08:40+5:30

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले लोग ठीक हो जाते हैं, लेकिन सवाल यह है कि उन लोगों के साथ क्या होता है जो गंभीर रूप से पीड़ित हैं?

Coronavirus effects: What happens to people who get seriously ill, how covid-19 affects lungs, kidney, live and heart? | कोरोना के गंभीर मरीजों को किन-किन लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, उनकी मौत कैसे हो जाती है?

कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव

Highlightsहल्के लक्षण वाले मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो सकते हैंगंभीर रोगियों को किन-किन लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है20% लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं

कोरोना वायरस महामारी के आने के बाद से अब तक कुल संक्रमितों में से मरने वालों की संख्या कम और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षण वाले मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो सकते हैं।

सवाल: कोरोना के गंभीर रोगियों को किन-किन लक्षणों और जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, वो क्यों ठीक नहीं हो पाते हैं और कोरोना कैसे उनकी मौत का कारण बन जाता है?  

जवाब: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकांश मरीज (लगभग 80%) अस्पताल में इलाज की आवश्यकता के बिना खुद ठीक हो जाते हैं। कोरोना से पीड़ित मरीजों में से केवल 20% लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिसमें 5% गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और उन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।

मौत की ओर ले जाने वाली जटिलताओं में श्वसन विफलता, तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (एआरडीएस), सेप्सिस और सेप्टिक शॉक, थ्रोम्बोम्बोलिज़्म, या मल्टीओर्गन विफलता शामिल हो सकती है, जिसमें हार्ट, लीवर और किडनी का डैमेज होना शामिल है। दुर्लभ स्थितियों में, बच्चे संक्रमण के कुछ हफ्तों बाद एक गंभीर इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम विकसित कर सकते हैं।

कोरोना की चपेट में आने के बाद कितने दिनों में लक्षण महसूस होते हैं ?

आमतौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण सार्स-को-2 वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड यानी संपर्क में आने के बाद लक्षणों के महसूस होने के बीच का समय 14 दिन माना गया है। इस दौरान मरीज को बुखार, खांसी, गले में खराश, स्वाद या गंद की हानि और दस्त जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

क्या है WHO का कहना

कोरोना के लक्षण अब जल्दी नजर आने लगे हैं। यह बात WHO ने मानी है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर कहा, कोरोना की चपेट में आने के बाद लक्षण शुरू होने में पांच से छह दिनों में भी नजर आ सकते हैं। हालांकि इसके लक्षण 1 से 14 दिनों में ही शुरू होते हैं।

क्या है CDC का कहना

यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की इस पर अलग राय है। संस्था का मानना है कि वायरस के संपर्क में आने के 2-14 दिन बाद लक्षण दिखाई दे सकते हैं। सीडीसी के अनुसार, एक अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना के 97.5 प्रतिशत लोगों को संक्रमण के 11.5 दिनों के भीतर लक्षण महसूस हो सकते हैं।

क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना

इस पर भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राय भी सीडीसी से मिलती जुलती है। मंत्रालय का कहना है कि कोरोना की चपेट में आए मरीज को लक्षण महसूस होने में 14 दिनों का समय लग सकता है। 

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से देश में संक्रमितों की संख्या 81 लाख के पास पहुंचने वाली है। देश में करीब तीन माह बाद कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या छह लाख के नीचे आई है और यह कुल मामलों का 7.35 प्रतिशत है। देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर शुक्रवार को 8,136,166 हो गई। वायरस से 563 और  मृतक संख्या बढ़कर 121,681 हो गई है।

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