Coronavirus effects: कोरोना से ठीक होने के बावजूद अभी भी इन 5 गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं 90 फीसदी मरीज

By उस्मान | Published: August 6, 2020 12:43 PM2020-08-06T12:43:00+5:302020-08-06T12:43:00+5:30

Coronavirus effects: कोरोना के ठीक हुए मरीजों के फेफड़े सही तरह काम नहीं कर रहे हैं उन्हें तीन महीने बाद भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है

coronavirus effects: report says 90% of recovered COVID-19 patients in Wuhan suffering from lung damage, depression, oxygen level decreased, antibodies | Coronavirus effects: कोरोना से ठीक होने के बावजूद अभी भी इन 5 गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं 90 फीसदी मरीज

कोरोना के दुष्प्रभाव

Highlights90 प्रतिशत मरीजों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई हैकुछ मरीजों को ऑक्सीजन मशीन की जरूरत पड़ती हैएंटीबॉडीज भी 100 मरीजों में से 10 फीसदी में अब नहीं थीं

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 18,979,846 लोग संक्रमित हो गए हैं और 711,277 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 12,171,965 लोग कोरोना को मात देकर ठीक भी हुए हैं लेकिन ठीक होने वाले लोगों में अभी भी कुछ गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं।

चीन में महामारी के केंद्र रहे वुहान शहर के एक प्रमुख अस्पताल से ठीक हुए कोविड-19 मरीजों के एक समूह के लिये गए नमूनों में से 90 प्रतिशत मरीजों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है जबकि पांच प्रतिशत मरीज दोबारा संक्रमित पाए जाने के बाद पृथक-वास में हैं। 

वुहान विश्वविद्यालय के झोंगनन अस्पताल की गहन देखभाल इकाई के निदेशक पेंग झियोंग के नेतृत्व में एक दल अप्रैल से ही ठीक हो चुके 100 मरीजों को फिर से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहा है। एक साल चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले चरण का समापन जुलाई में हुआ। 

फेफड़ों को हो रहा है नुकसान

अध्ययन में शामिल मरीजों की औसत उम्र 59 साल है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक पहले चरण के नतीजों के मुताबिक 90 प्रतिशत मरीजों के फेफड़े अब भी खराब स्थिति में हैं, जिसका मतलब यह है कि उनके फेफड़ों से हवा के प्रवाह और गैस विनिमय का काम अब तक स्वस्थ लोगों के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। 

Some patients who survive COVID-19 may suffer lasting lung damage ...

पेंग के दल ने मरीजों पर छह मिनट टहलने की जांच की। उन्होंने पाया कि बीमारी से ठीक हुए लोग छह मिनट की अवधि में 400 मीटर ही चल सके जबकि स्वस्थ्य लोगों ने इस दौरान 500 मीटर की दूरी तय कर सकते थे।

तीन महीने बाद भी पड़ रही है ऑक्सीजन की जरूरत

बीजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ चाइनीज मेडिसिन के डोंगझेमिन अस्पताल के डॉक्टर लियांग टेंगशियाओ को उद्धृत करते हुए खबर में कहा गया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के तीन महीने बाद भी ठीक हो चुके कुछ मरीजों को ऑक्सीजन मशीन की जरूरत पड़ती है। 

Young village cadre shoulders oxygen to novel coronavirus patients ...

सभी मरीजों में नहीं बन रही एंटीबॉडीज

लियांग का दल भी ठीक हो चुके 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों से मिलकर उनके बारे में जानकारी जुटाने के काम में लगा है। नतीजों में यह भी सामने आया कि नये कोरोना वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडीज भी 100 मरीजों में से 10 फीसदी में अब नहीं थीं। 

Chinese study: Antibodies in COVID-19 patients fade quickly | CIDRAP

खबर में कहा गया कि कोविड-19 न्यूक्लीइक एसिड जांच में उनमें से पांच प्रतिशत के नतीजे नकारात्मक मिले लेकिन इम्यूनोग्लोबुलिन एम (आईजीएम) जांच में उनमें संक्रमण मिला जिसके बाद उन्हें फिर से पृथक-वास में जाना पड़ा। 

दोबारा भी हो सकता है संक्रमण

जब कोई विषाणु हमला करता है तो प्रतिरोधी तंत्र द्वारा आम तौर पर सबसे पहली एंटीबॉडी आईजीएम बनती है। आईजीएम जांच में सकारात्मक नतीजे मिलने का आशय आम तौर पर यह है कि व्यक्ति अभी विषाणु से संक्रमित हुआ ही है। यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि क्या इसका मतलब यह है कि ये लोग फिर से संक्रमित हो गए हैं। पेंग ने कहा, “यह नतीजे दिखाते हैं कि मरीजों के प्रतिरोधी तंत्र अब भी ठीक हो रहे हैं।” 

Coronavirus Treatment Could Lie in Existing Drugs

अवसाद से जूझ रहे हैं ठीक हुए मरीज

खबर में कहा गया कि मरीज अवसाद और कलंक की भावना से जूझ रहे हैं। ठीक हो चुके अधिकतर मरीजों ने बताया कि उनके परिवारवाले अब भी एक मेज पर बैठकर उनके साथ खाना खाने के इच्छुक नहीं थे। इसमें कहा गया कि ठीक हो चुके मरीजों में से आधे से कम ही काम पर लौटे। यह नतीजे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण सबसे पहले वुहान में ही सामने आया था।  

Web Title: coronavirus effects: report says 90% of recovered COVID-19 patients in Wuhan suffering from lung damage, depression, oxygen level decreased, antibodies

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