Broken Heart Syndrome: कोरोना संकट में तेजी से बढ़ रहे हैं 'दिल टूटने' के मामले, अच्छी तरह समझ लें इस जानलेवा रोग के लक्षण और बचाव
By उस्मान | Published: July 10, 2020 12:02 PM2020-07-10T12:02:14+5:302020-07-10T13:46:41+5:30
कोरोना काल में अगर आपको भी कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
कोरोना वायरस महामारी की वजह से लोगों में शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव बढ़ रहा है। तनाव बढ़ने से लोगों में दिल टूटने यानी 'ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम' (broken heart syndrome) की समस्या देखने को मिल रही है। हाल ही में ऐसे कुछ मामले देखने को मिले हैं जिनमें लोगों को कोरोना वायरस तो नहीं है लेकिन वो इस समस्या से पीड़ित हैं।
मेडिकल जर्नल जामा में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं ने दो अस्पतालों में दिल की समस्याओं से पीड़ित रोगियों का अध्ययन किया। उनकी तुलना पिछले दो वर्षों में इसी तरह के रोगियों के साथ की गई। अध्ययन में यह बात सामने आई कि महामारी के दौरान मरीजों में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के दो गुना होने की संभावना थी।
अध्ययन में यह पाया गया कि सभी मामले महामारी से होने वाले 'मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव' से जुड़े थे। इस तनाव की वजह क्वारंटाइन, लोगों से मिलने-जुलने की कमी, सोशल डिस्टेंसिंग के नियम और लोगों के जीवन में इसके आर्थिक परिणाम जैसे कारण थे।
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम को स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी या (Takotsubo syndrome) भी कहा जाता है। यह दिल की एक तनाव भरी अवस्था है। इस बीमारी में दिल की मांसपेशियां कुछ देर के लिए शिथिल पड़ जाती हैं। मेडिकल साइंस ये मानता है कि दिल किसी बुरी खबर या अच्छी खबर मिलने पर भी टूट सकता है।
दुनिया भर में लाखों लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। यह सिंड्रोम कई बार प्यार में निराशा हाथ लगने, किसी सबसे प्रिय का दूर चले जाना या कोई बुरी खबर मिलने से हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को कहीं अधिक प्रभावित करता है। इसमें आघात पहुंचने पर दिल का एक हिस्सा अस्थायी रूप से कमजोर हो जाता है। दिल की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं और हार्ट के पम्प करने की क्षमता कमजोर होने लगती है
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण हार्ट अटैक से मिलते-जुलते हैं जिनमें सीने, गर्दन और बाएं हाथ में तेज दर्द, सांस का फूलना, उल्टी जैसा महसूस होना, चक्कर आना, लो ब्लड प्रेशर आदि शामिल हैं।
यह तब होता है, जब हृदय की मांसपेशियां कमजोर होती हैं, जिससे सीने में दर्द और सांस की तकलीफ होती है। यह दिल के दौरे की तरह लगता है। अक्सर यह लेकिन तनावपूर्ण घटनाओं से शुरू होता है। इसमें रक्तप्रवाह में रुकावट नहीं होती है। यह दुर्लभ मामलों में घातक हो सकता है, लेकिन मरीज आमतौर पर दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाते हैं।
अक्सर, लोग समझ नहीं पाते कि ये लक्षण हार्ट अटैक के हैं या ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम के। यदि आपके घर के किसी भी व्यक्ति या दोस्त में कुछ भी ऐसा नजर आए, तो बिना देर किए हॉस्पिटल ले जाएं।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से बचने के उपाय
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से बचने के लिए खुद को स्ट्रेस फ्री रखें। किसी भी बात को बहुत ज्यादा दिल से ना लगाएं। उदास ना रहें। हंसे, मुस्कुराएं, दोस्तों के साथ रहें। दिल टूटना या किसी प्रिय का दूर चले जाना बेहद दुख भरा होता है, लेकिन इस दुख को खुद पर अधिक दिनों तक हावी ना होने दें। इसे समय पर पहचान कर, अपने जीवन से तनाव को निकाल बाहर करें।