Corona effect: कोरोना संकट में दुनिया के आधे युवा हो गए हैं इस खतरनाक रोग का शिकार

By उस्मान | Published: August 12, 2020 03:00 PM2020-08-12T15:00:46+5:302020-08-12T15:00:46+5:30

Coronavirus effect: एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो युवाओं को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है

Coronavirus effect: how to deal depression, anxiety, stress during covid-19 pandemic | Corona effect: कोरोना संकट में दुनिया के आधे युवा हो गए हैं इस खतरनाक रोग का शिकार

तनाव से निपटने के उपाय

Highlightsदुनिया के आधे युवा अवसाद, चिंता के शिकार हैंसबसे ज्यादा 18 से 29 वर्ष तक उम्र वाले लोगों पर महामारी का असर देखने को मिल रहा है

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकली इस महामारी से दुनियाभर में अब तक दो करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। कोविड-19 से अब तक करीब साढ़े सात लोगों की मौत हो गई है। 

कोरोना वायरस का असर सिर्फ लोगों के कामकाज पर नहीं पड़ा है बल्कि इस महामारी ने लोगों के दिमाग पर भी वार किया है। इससे सबसे ज्यादा युवा प्रभावित हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के एक सर्वेक्षण के मुताबिक कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते दुनिया के आधे युवा अवसाद, चिंता के शिकार हैं, जबकि एक-तिहाई से अधिक भविष्य में अपने करियर को लेकर अनिश्चित हैं। 

तेजी से बिगड़ रहा है युवाओं का मानसिक संतुलन
आईएलओ के ‘युवा और कोविड-19: नौकरियों, शिक्षा, अधिकारों और मानसिक कल्याण पर प्रभाव’ नामक सर्वेक्षण में पाया गया कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो युवाओं के ऊपर इस महामारी का गंभीर और लंबे समय तक चलते वाले प्रतिकूल प्रभावों का खतरा है। यह रिपोर्ट मंगलावर को जारी हुई।

नहीं उठाये सख्त कदम तो युवाओं को होगा भारी नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, 'कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन के हर पहलू को बाधित कर दिया है। संकट की शुरुआत से पहले भी, युवाओं के सामाजिक और आर्थिक एकीकरण को लेकर लगातार चुनौती थी और यदि अब तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो युवाओं के महामारी से गंभीर रूप से पीड़ित होने की आशंका है, जिसका असर लंबे समय तक रहेगा।'

112 देशों के 12,000 लोगों पर हुआ अध्ययन
आईएलओ के इस सर्वेक्षण में 18 से 29 वर्ष तक उम्र वाले लोगों पर महामारी के कारण रोजगार, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, अधिकारों और सामाजिक सक्रियता से संबंधित असर के बारे में पता लगाया गया। सर्वेक्षण के तहत 112 देशों के 12,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गईं, जिसमें बड़ा हिस्सा इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले शिक्षित युवाओं का है।

सर्वेक्षण के तहत अनुमान जताया गया कि दुनिया भर में दो में एक (यानी 50 प्रतिशत) युवा चिंता या अवसाद का शिकार हैं, जबकि इनमें से 17 प्रतिशत शायद काफी अधिक प्रभावित हैं। इसके मुताबिक महामारी के कारण सीखने और काम करने को लेकर गंभीर व्यवधान पैदा हुआ है, जिसके युवाओं की मानसिक स्थिति कमजोर हुई है। सर्वेक्षण के मुताबिक 18 से 24 वर्ष की आयु वाले युवाओं की मानसिक स्थिति सबसे अधिक दबाव में है।  

1) एक दिनचर्या बनाए रखें
कोरोना संकट में आप खाने-पीने, सोने-उठने और काम करने के तरीकों पर ध्यान दें। आपको अभी भी आठ घंटे की अच्छी नींद की जरूरत होती है, उसी तरह जैसे कि लॉकडाउन शुरू हुआ था। आपको अभी भी कुछ व्यायाम की आवश्यकता है। आपकी जीवनशैली आपके समग्र स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डाल सकती है। इसलिए आप खुश रहने के लिए इस रूटीन में बहुत अधिक बदलाव न करें। समय पर खाएं, समय पर सोएं और एक्सरसाइज जरूर करें।

2) आभार व्यक्त करें
बेशक यह समय बुरा चल रहा है लेकिन अगर आप सुरक्षित हैं तो आपको इसके लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए। यह बहुत सरल है, अपने आसपास की चीजों को महसूस करने के लिए कुछ मिनट निकालें और उन चीजों की सराहना करें जिनके लिए आप आभारी हैं। इसे नियमित रूप से करें और यह आपको अधिक सकारात्मक और आशावादी महसूस करने में मदद कर सकता है। 

3) अपने मन को व्यवस्थित करें
इस तरह के तनाव के दौरान बेहद बिखराव महसूस करना किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन यह आपके दिमाग या आपके जीवन के लिए स्वस्थ नहीं है। इससे चीजें हाथ से फिसल जाएंगी और आपको और भी अधिक तनाव का कारण बन सकती हैं। अपने सभी कार्यों और कामों को संक्षेप में बताने के लिए एक डायरी या टू-डू सूची का प्रबंधन करें ताकि आपके पास एक ही स्थान पर सब कुछ हो और अपने कार्यों को अधिक कुशलता से योजनाबद्ध करें।

4) लोगों से जुड़े रहें
अकेलापन लॉकडाउन की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। यह कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। कुछ समय के लिए आपके द्वारा कहे गए मित्र को कॉल करें और अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में रहें। इस दौरान भावनात्मक समर्थन के लिए एक-दूसरे पर निर्भर होने की आवश्यकता है।

5) एक ब्रेक लें
बहुत अधिक तनाव आपको आसानी से चिढ़चिढ़ा बना सकता है जिससे आपकी स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है। आप अपने कामों से कुछ नियमित ब्रेक लेकर खुद को हल्का और अधिक सकारात्मक बना सकते हैं। आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इन विरामों के दौरान ध्यान या साँस लेने के व्यायाम की कोशिश कर सकते हैं।

Web Title: Coronavirus effect: how to deal depression, anxiety, stress during covid-19 pandemic

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