Coronavirus Bhilwara Model: देश को कोरोना से बचाने के लिए सभी राज्यों को भीलवाड़ा से सीखने चाहिए ये 8 सबक
By उस्मान | Published: April 7, 2020 01:37 PM2020-04-07T13:37:48+5:302020-04-07T13:37:48+5:30
भीलवाड़ा ने ये 8 कदम उठकार कोरोना को दिया मुंह तोड़ जवाब, पिछले आठ दिनों 30 मार्च से 6 अप्रैल के बीच इस शहर में केवल एक मामला सामने आया
राजस्थान के शहर भीलवाड़ा ने जिस तरह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का काम किया उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। शहर में 18 मार्च को कोरोना वायरस का एक भी मामला नहीं था और 30 मार्च तक सिर्फ 26 मामले सामने आये। पिछले आठ दिनों 30 मार्च से 6 अप्रैल के बीच इस शहर में केवल एक मामला सामने आया है। इन 27 मामलों में से 17 मरीजों का इलाज हुआ है और इनमें से 13 को छुट्टी दे दी गई है।
बताया जा रहा है कि इस शहर को प्रशासन की रणनीति, समय पर कार्रवाई, व्यापक स्क्रीनिंग, कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे जरूरी कदम उठाने की वजह से कोरोना को प्रसार को रोकने में मदद मिली है।
मार्च के अंत तक, 26 मामलों के साथ, भीलवाड़ा राजस्थान सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया था। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोनो वायरस मामलों की तालिका के शीर्ष पर यही जिला था।
संदिग्ध अस्पताल को सील करना
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर के एक निजी अस्पताल को भीलवाड़ा में वायरस के प्रसार के लिए काफी हद तक जिम्मेदार माना गया। प्रशासन ने सबसे पहले इस अस्पताल को सील कर दिया और संबंधित मेडिकल स्टाफ को अलग कर दिया। इसके बाद राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना से लड़ने की रणनीति बनाई।
बड़े लेवल पर हुई स्क्रीनिंग
राज्य के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उन्होंने भीलवाड़ा में लोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित की है। इसके लिए राज्य सरकार ने जिले में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की 3000 टीमों को तैनात किया।
सीमाएं सील करना
शहर में कर्फ्यू लगाना, जिला सीमाओं को सील करना, सार्वजनिक, निजी वाहनों की आवाजाही में कटौती करना और लॉकडाउन का पालन करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता रही। जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाईं, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके। राशन सामग्री की सप्लाई सरकारी स्तर पर करने व जिले के हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग का फैसला किया।
संदिग्धों की पहचान
एक काम जो यहां किया वो यह था कि पॉजिटिव मामलों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों की तत्काल मैपिंग करना। उनकी पहचान की गई और उनसे संपर्क किया गया ताकि सबको अलग-अलग किया जा सके।
बड़े लेवल पर स्क्रीनिंग
टीम बनाकर लाखों लोगों की स्क्रीनिंग शुरू करा दी। जितने भी लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण मिले इन्हें होम आइसोलेट किया गया और वहां कर्मचारी तैनात किये गए। कुछ लोगों को होटलों में भी क्वारेंटाइन किया गया।
बड़े स्तर पर छिड़काव
निगम परिषद् को शहर के सभी वार्ड्स में दो बार हाइपो क्लारोड एक फीसदी के छिड़काव की जिम्मेदारी दी गई ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
उपभोक्ता भंडार से खाद्य सामग्री सप्लाई
लोगों को परेशानी को देखते हुए सहकारी उपभोक्ता भंडार से खाद्य सामग्री की सप्लाई शुरू कर दी गई। रोडवेज सेवा बंद कर दी गई। दूध की डेयरी को सुबह-शाम दो-दो घंटे खोला गया।
किराना की दुकानों को लाइसेंस
हर वार्ड में होम डिलीवरी के लिए दो-तीन किराना की दुकानों को लाइसेंस दिए गए। कृषि मंडी को शहर में हर वार्ड के अनुसार फल-सब्जियां सप्लाई के लिए लगाया गया।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मंगलवार को मृतकों का आंकड़ा 114 हो गया है और कुल संक्रमितों की संख्या 4,421 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 3,981 लोग अब भी संक्रमित हैं, करीब 325 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है और एक व्यक्ति विदेश जा चुका है। कुल मामलों में 66 विदेशी नागरिक हैं।
देश में संक्रमण के सबसे अधिक 748 मामले महाराष्ट्र में हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 621 और दिल्ली में 523 मामले हैं। केरल में संक्रमित लोगों की संख्या 327, तेलंगाना में 321, उत्तर प्रदेश में 305 और राजस्थान में 288 हैं। आंध्र प्रदेश में कुल 226 लोग संक्रमित हैं। मध्य प्रदेश में संक्रमण के मामले बढ़ कर 165, कर्नाटक में 151 और गुजरात में 144 हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर से 109, पश्चिम बंगाल में 91, हरियाणा में 90 और पंजाब में 76 मामले सामने आए हैं।