कोरोना का आयुर्वेदिक इलाज : आयुष मंत्रालय का दावा, काढ़ा से लीवर को कोई खतरा नहीं, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ऐसे बनाएं काढ़ा
By उस्मान | Published: October 7, 2020 10:35 AM2020-10-07T10:35:06+5:302020-10-07T10:35:06+5:30
इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने के उपाय : आयुष मंत्रालय ने कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढ़ा से लीवर को नुकसान पहुंचता है
कोरोना वायरस के आयुर्वेदिक उपचारों में विभिन्न जड़ी बूटियों से बना काढ़ा का सेवन शामिल है। बताया जाता है कि इसे पीने से कोरोना का लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
हाल ही में काढ़े को लेकर सवाल उठने लगे कि इसके अधिक सेवन से शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है। आयुष मंत्रालय ने उन दावों को सिरे से खारिज किया कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचना है।
काढ़े में शामिल चीजों का घर के खाने में भी होता है इस्तेमाल
मंत्रालय का कहना है कि 'यह गलत धारणा' है क्योंकि काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है।
काढ़ा से लीवर को नहीं होता नुकसान
कोटेचा ने कहा, 'ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढ़ा से लीवर को नुकसान पहुंचता है। यह गलत धारणा है क्योंकि काढ़े की सारी सामग्री का उपयोग घरों में भोजन पकाने में होता है।' साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यह कितना प्रभावी है, इसका पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है।
गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन का सुझाव दिया है। मंत्रालय ने अन्य चीजों के साथ-साथ तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (अदरक का पाऊडर) और किशमिश का उपयोग कर काढ़ा बनाने और दिन में एक-दो बार उसका सेवन करने की सलाह दी थी।
काढ़ा पीने के फायदे और बनाने का तरीका
काढ़ा से कोविड से लड़ने और इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में मदद मिल सकती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कोरोना काल में लोगों को दिन में दो बार काढ़ा पीना चाहिए। चलिए जानते हैं इसे बनाने के लिए क्या-क्या चीजें चाहिए और इसे कैसे तैयार किया जाता है।
इसमें दालचीनी, इलायची और लौंग जैसी चीजों का इस्तेमाल होता है। दालचीनी एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट का भंडार है। इलायची में गले को राहत देने में मदद करता है और शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
लौंग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। काली मिर्च के दाने एंटीऑक्सिडेंट का भंडार हैं और शरीर को हल्दी को अवशोषित करने में मदद करता है। तुलसी एंटीऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत हैं।
काढ़ा बनाने की सामग्री
मोटी इलाची
ताजा हल्दी
लौंग
काली मिर्च के दाने
तुलसी
दालचीनी
अदरक
मुनक्का
शहद या गुड़
काढ़ा बनाने का तरीका (विधि)
- ताजी हल्दी और ताजा अदरक को छील लें। एक सिल बट्टा में इसे अच्छी तरह पीस लें।
- एक बर्तन में, पानी उबालें और हल्दी और अदरक डालें।
- अन्य सभी मसाले मिक्स करें।
- इसे 20-30 मिनट तक उबालें। मिठास के लिए गुड़ या शहद मिलाएं।
इस बात का रखें ध्यान
कुछ लोग सोचते हैं कि बहुत ज्यादा गर्म काढ़ा पीने से जल्दी फायदा पहुंचता है। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। बहुत ज्यादा गर्म काढ़ा पीने से मुंह जल सकता है या खाने की नली पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा दिन में दो बार यानी दो कप से ज्यादा काढ़ा पीने की आवश्यकता नहीं है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)