जिनके शरीर में है विटामिन डी की कमी, उन्हें जल्दी मार रहा है कोरोना वायरस, विटामिन डी के लिए खायें ये 10 चीजें
By उस्मान | Published: May 11, 2020 10:11 AM2020-05-11T10:11:26+5:302020-05-11T10:29:52+5:30
Coronavirus prevention diet: घर में रहने के दौरान आपको इन चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए
कोरोना वायरस को लेकर किये गए एक अध्ययन में एक हैरान करने वाली यह बात सामने आई है कि 20 यूरोपीय देशों में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों और मृतकों की संख्या का एक बड़ा कारण वहां के लोगों के शरीर में विटामिन डी है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह रिसर्च ब्रिटेन की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी और क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल किंग्स लिन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किया गया है, जो एजिंग क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इस अध्ययन से पता चलता है कि इटली और स्पेन देशों में कोरोना वायरस की मृत्यु दर अधिक है। यहां अधिकांश उत्तरी यूरोपीय देशों की तुलना में औसत विटामिन डी का स्तर कम पाया गया है।
विटामिन डी का उच्चतम औसत स्तर उत्तरी यूरोप में पाया जाता है, जो कॉड लिवर तेल और विटामिन डी की खुराक और संभवतः कम धूप के बचाव के कारण होता है। एआरयू ने नए शोध पर एक बयान में कहा, स्कैंडिनेवियाई राष्ट्र कोरोना के मामलों की सबसे कम संख्या वाले देशों में से हैं और यूरोप में जनसंख्या की मृत्यु दर के मामले में सबसे कम हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि दक्षिणी यूरोप में लोग, विशेष रूप से बुजुर्ग, तेज धूप से बचते हैं। नैचुरल विटामिन डी यानी धूप के संपर्क में आने से स्किन पिगमेंटेशन को कम करती है।
कोरोना से कैसे बचाने में सहायक है विटामिन डी
विटामिन डी को श्वेत रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स की प्रतिक्रिया को संशोधित करने के लिए जाना जाता है। यह उन्हें इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स (संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का हिस्सा) जारी करने से रोकता है। सार्स-को2 वायरस भी प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स की अधिकता के कारण जाना जाता है, जिसे साइटोकिन स्टॉर्म कहा जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि विटामिन डी तीव्र श्वसन संक्रमण से बचाने में सहायक है। एक पिछले अध्ययन में पाया गया कि अस्पतालों और देखभाल घरों जैसे संस्थानों में 75% लोगों की विटामिन डी की गंभीर कमी थी। शोधकर्कताओं का का कहना है कि कोरोना के रोगियों में विटामिन डी के स्तर को देखते हुए समर्पित अध्ययन करना जरूरी था जिससे इस विषय को गंभीरता से लिए जाए।
विटामिन-डी की कमी से होने वाली बीमारियां
शरीर में यदि विटामिन-डी का कमी हो जाए तो बॉडी जल्दी जल्दी बीमारियों की चपेट में आती है। ज़रा सा मौसम बदलते ही बीमार हो जाते हैं। हर समय थकान, कमजोरी महसूस होती है। बॉडी में कई जगह दर्द रहने लगता है, खासतौर से पीठ का दर्द। तनाव, डिप्रेशन, बालों का झड़ना भी विटामिन-डी की कमी से होता है।
हड्डियों को मजबूत करने और कैंसर से बचाने में सहायक
एक अध्ययन में पाया गया है कि कैंसर के मरीज यदि कम से कम तीन साल तक विटामिन डी का सेवन करें तो उनकी उम्र में कुछ साल का इजाफा हो सकता है। अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि विटामिन डी से सिर्फ हड्डियां ही मजबूत नहीं होतीं, बल्कि कई अन्य अहम फायदे भी होते हैं।
विटामिन डी कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन डी कमी के कारण फ्रैक्चर और हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी की कमी से आपके शरीर में कई परिवर्तन आ सकते हैं जिसमें मुख्यतः मूड का बदलना, पाचन तंत्र खराब होना, लगातार वजन बढ़ना, हड्डियों में दर्द रहना और यौन स्वास्थ्य प्रभावित होना शामिल है।
विटामिन-डी के प्रमुख स्रोत
विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए आपको धूप लेनी चाहिए। इसके अलावा अपनी डाइट में सैल्मन मछली, मशरूम, ट्यूना मछली, मांस, अंडे, सलामी, दूध, संतरे का जूस, सोयाबीन, श्रिम्प (सी-फूड) और वैनिला योगर्ट जैसी चीजों को जरूर शामिल करें।
आपको अपनी डाइट में सॉल्मन और टुना फिश शामिल करनी चाहिए। अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप अंडे भी खा सकते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। कॉड लिवर में भी विटामिन डी भरपूर मात्रा होता है।