Coronavirus: शुगर के मरीजों को कोरोना से मरने का खतरा 50 फीसदी ज्यादा, ये 2 आसान उपाय बचा सकते हैं जान

By भाषा | Published: May 19, 2020 08:34 AM2020-05-19T08:34:23+5:302020-05-19T08:34:23+5:30

Coronavirus and diabetes tips in Hindi: अगर आपके घर में कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसकी सही तरह हिफाजत करें

Coronavirus and diabetes: guidance for people with diabetes, covid-19 precaution and prevention tips for diabetics in Hindi | Coronavirus: शुगर के मरीजों को कोरोना से मरने का खतरा 50 फीसदी ज्यादा, ये 2 आसान उपाय बचा सकते हैं जान

Coronavirus: शुगर के मरीजों को कोरोना से मरने का खतरा 50 फीसदी ज्यादा, ये 2 आसान उपाय बचा सकते हैं जान

कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में इस महामारी की चपेट में अब तक 100,328 लोग आ चुके हैं और 3,156 लोगों की मौत हो गई है। इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। बताया जाता है कि यह वायरस ऐसे लोगों को जल्दी चपेट में लेता है जो पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। 

विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कोविड-19 से मरने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा होता है। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए घर में व्यायाम करने तथा खून में ग्लूकोज की मात्रा की लगातार जांच करने का सुझाव दिया है।

ऐसे लोगों को भी है कोरोना का ज्यादा खतरा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक डायबिटीज के अलावा, जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, किडनी की पुरानी बीमारी और दिल संबंधी समस्याओं जैसे गंभीर रोग हैं, वे भी उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं।

कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान शुगर से पीड़ित लोगों के अत्यधिक संवेदनशील होने पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय राजधानी के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट कहते हैं कि ऐसे लोगों में कोविड-19 के ज्यादा गंभीर लक्षण एवं जटिलताएं नजर आ सकती हैं और अगर उनकी चयापचयी शक्ति मजबूत न हो तो उनकी स्थिति बिगड़ सकती है।

इंसुलिन लेना न भूलें शुगर के मरीज

इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि ऐसी परिस्थितियों में इंसुलिन लेना सुरक्षित विकल्प है क्योंकि टाइप-1 डायबीटिज से पीड़ित लोगों के लिए यह एकमात्र थेरेपी है जबकि टाइप-2 डायबीटिज से पीड़ित जिन लोगों की चयापचयी शक्ति कमजोर होती है उनके लिए यह बेहतर एवं कारगर विकल्प है।

एम्स, नयी दिल्ली के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्राध्यापक एवं प्रमुख, डॉ निखिल टंडन ने कहा, “कोविड-19 का जानलेवा साबित होने का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में मधुमेह से पीड़ित लोगों में 50 प्रतिशत अधिक होता है। यही बात उच्च रक्तचाप, दिल संबंधी बीमारी, कैंसर और किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों पर भी लागू होती है।”

ग्लूकोज लेवल की जांच जरूरी

उन्होंने कहा कि बचाव के आम उपायों के अलावा यह जरूरी है कि इलाज कर रहे डॉक्टर द्वारा सुझाए गए तरीके से खून में ग्लूकोज की मात्रा की नियमित जांच की जाए और शरीर में पानी की कमी नहीं होने के साथ ही दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति हो।

डॉ टंडन ने कहा कि मरीजों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे घरेलू व्यायाम करें क्योंकि यह मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रख जीवनशैली को संतुलित करता है।

देश में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या सोमवार को 3,029 हो गई और संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 96,169 हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 70 प्रतिशत से अधिक मौतें मरीजों में पहले से मौजूद अन्य गंभीर बीमारियों के चलते हुई हैं।  

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