वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना मरीज के खांसने पर 6 फीट तक जा सकते हैं वायरस के कण, यह खास उपाय रोक सकता है कोरोना
By उस्मान | Published: November 25, 2021 05:05 PM2021-11-25T17:05:44+5:302021-11-25T17:08:21+5:30
वैज्ञानिकों ने माना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क पहनना सबसे असरदार उपाय है
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, जब कोरोना वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति बिना मास्क के खांसता है, तो उसके मुंह से निकले संक्रामक कण 6 फीट से अधिक तक जा सकते हैं। यह अध्ययन साइंस जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग करके बिना मास्क के खांसी करने वाले व्यक्ति के दस परिदृश्यों का परीक्षण किया। वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर मॉडल के आधार पर बताया कि अधिकांश बड़ी बूंदें आस-पास की सतहों पर गिरती हैं, लेकिन छोटी बूंदें दूर तक जा सकती हैं।
इसका मतलब है कि बिना मास्क के खांसने पर पीड़ित व्यक्ति के मुंह से निकले कण किसी अन्य व्यक्ति को 6 फीट की ऊंचाई पर संक्रमित कर सकते हैं।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एप्लाइड थर्मोडायनामिक्स के प्रोफेसर और स्टडी लीड एपामिनोंडास मस्तोराकोस ने कहा कि कण गति, तापमान और आर्द्रता में उतार-चढ़ाव का मतलब है कि किसी को 6 फीट के निशान पर मिलने वाले कणों की संख्या "हर बार बहुत अलग हो सकती है।
वैज्ञानिकों का सुझाव
अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि लोगों को कार्यालय, कक्षाओं और दुकानों जैसे इनडोर स्थानों में मास्क पहनकर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि 6-फुट नियम बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा है कि 6 फीट अलग रखते हुए कोरोना वायरस के प्रसार को धीमा किया जा सकता है।
रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) ने मई में कहा था कि छह फीट से अधिक के संक्रामक कणों को अंदर लेने से कोरोना भी हो सकता है। यह भी बताया था कि खराब वेंटिलेशन और 15 मिनट से अधिक समय तक संपर्क में रहने से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है।
अप्रैल में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोध में पाया गया कि घर के अंदर कोरोना वायरस के हवाई संचरण को रोकने के लिए 6 फीट की सामाजिक दूरी 'अपर्याप्त' थी, लेकिन इसके भौतिकी-आधारित मॉडल ने माना कि कण हमेशा एक कमरे में समान रूप से फैले हुए थे।