सिगरेट पैकेट पर छपे खतरनाक फोटो बच्चों को स्मोकिंग से दूर रखने में सहायक
By भाषा | Published: December 10, 2018 05:38 PM2018-12-10T17:38:47+5:302018-12-10T17:38:47+5:30
सिगरेट के विज्ञापनों पर कैंसर ग्रस्त मसूढ़ों और होंठ से खून निकलने जैसी तस्वीरों वाली ग्राफिक चेतावनी बच्चों को धूम्रपान से दूर रखने में अहम भूमिका निभा सकती है। एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है।
सिगरेट के विज्ञापनों पर कैंसर ग्रस्त मसूढ़ों और होंठ से खून निकलने जैसी तस्वीरों वाली ग्राफिक चेतावनी बच्चों को धूम्रपान से दूर रखने में अहम भूमिका निभा सकती है। एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है। पत्रिका 'हेल्थ एजुकेशन रिसर्च' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इस तरह की चेतावनी बच्चों के अंदर से धूम्रपान को अच्छा और आनंदकारी मानने वाली भावना को खत्म करती है।
अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर जेफ नीदेरदेप्पे ने कहा, 'इस अध्ययन में यह बात सामने आई कि ग्राफिक चेतावनी की तस्वीरों का महत्व धूम्रपान को लेकर लोगों में नकारात्मक भावनाएं पैदा करने से कहीं ज्यादा है।' उन्होंने कहा कि यह बात भी सामने आई कि युवाओं को पहली बार धूम्रपान के लिए लुभाने वाले विज्ञापनों के प्रभाव को कम करने में भी इन चेतावनियों की भूमिका हो सकती है।
अध्ययनकर्ताओं ने गांव और शहर के कम आय वर्ग वाले समुदायों में धूम्रपान करने वाले 451 वयस्कों और स्कूल जाने वाले 474 लड़कों पर ग्राफिक चेतावनी तस्वीरों पर अध्ययन किया।
एक अन्य अध्ययन में इस बात का खुलासा हो चुका है कि सिगरेट के डिब्बों पर इससे होने वाले नुकसान को दिखाने के लिए भयावह फोटो का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह सिगरेट पीने वालों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइन के अध्ययनकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। इसमें उन्होंने पाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर धूम्रपान के नुकसान को दर्शाते भयावह फोटो लगाए जाएं, तो इससे सिगरेट पीने वालों के व्यवहार में बदलाव आता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक सबसे प्रभावी फोटो धुएं से भरे फेफड़े और धूम्रपान की वजह से गर्दन को हुए नुकसान वाले होते हैं। चार हफ्ते तक चले अध्ययन में सामने आया कि जिन लोगों ने सिगरेट के पैकेटों पर ये फोटो देखे, उनमें से 40 फीसदी लोग धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित हुए। इसके मुकाबले चेतावनी वाले पैकेटों का इस्तेमाल करने वाले सिर्फ 34 फीसदी लोगों ने ऐसा महसूस किया। प्रयोग के अंत-अंत तक भयावह फोटो देखने वाले लोगों में से छह फीसदी लोगों ने पूरी तरह धूम्रपान छोड़ दिया।