मिल गया चिकनगुनिया का रामबाण इलाज, इस खट्टी-चटपटी चीज से निपटने में मिलेगी मदद

By उस्मान | Published: November 16, 2018 07:22 AM2018-11-16T07:22:22+5:302018-11-16T07:22:22+5:30

चिकनगुनिया के लिए कोई भी वैक्सीन या इलाज अभी नहीं हैं। डॉक्टर के अनुसार इस रोग की रोकथाम के लिए सावधानी बरतना पहली प्राथमिकता है। इससे बचने के लिए और इस बीमारी के बारें में सही जानकारी रखना जरूरी है।

Chikungunya: symptoms, complications, treatment, home remedies, cure chikungunya with tamarind or imli | मिल गया चिकनगुनिया का रामबाण इलाज, इस खट्टी-चटपटी चीज से निपटने में मिलेगी मदद

फोटो- पिक्साबे

ठंड के मौसम ने दस्तक दे दी है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने और उनसे होने वाली बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है। इस समय डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों ने कहर बरपाया हुआ है। चिकनगुनिया बहुत तेजी से फैल रहा है। चिकनगुनिया एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। यह एक ऐसा बुखार है, जो इंसान के शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है और कई मामलों में यह जानलेवा भी है। 

चिकनगुनिया के लक्षण मच्छर काटने के तुरंत बाद नजर नहीं आते हैं। मच्छर काटने के दो से तीन दिन बाद इसका संक्रमण शुरू होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को लंबे समय तक जोड़ों में दर्द होता है। इसके लक्षण आम बुखार से अलग होते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। 

चिकनगुनिया का नहीं है कोई इलाज
अधिकतर लोग बुखार मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही वजह है कि यह बीमारी अक्सर गंभीर रूप ले लेती हैं। डॉक्टर्स के अनुसार इस रोग की रोकथाम के लिए सावधानी बरतना पहली प्राथमिकता है। इससे बचने के लिए और इस बीमारी के बारें में सही जानकारी रखना जरूरी है। चिकनगुनिया के लिए कोई भी वैक्सीन या इलाज अभी नहीं हैं इसलिए जरूरी है सही सावधानी रखना।

चिकनगुनिया के इलाह में सहायक होगी इमली
खैर, चिकनगुनिया के इलाज के मामले में एक खुश करने वाली खबर आई है। आईआईटी रूड़की के दो प्राध्यापकों ने दावा किया है कि उन्होंने इमली के बीजों में एक प्रोटीन का पता लगाया है जिनमें विषाणु रोधी गुण हैं और चिकनगुनिया के उपचार के लिए दवाई बनाने में उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि चिकनगुनिया के उपचार में यह काफी कारगर साबित हो सकता है।

आईआईटी रूड़की के शोधकर्ताओं के इस दल ने इमली के विषाणुरोधी प्रोटीन वाले एंटीवायरल कम्पोजीशन के पेटेंट के लिए आवेदन किया है और अब वे इससे चिकनगुनिया के उपचार के लिए औषधि तैयार कर रहे हैं।

एक प्राध्यापक शैली तोमर ने बताया, 'भारत में इमली को अनेक औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और यह बहुत अच्छा आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ है। इसके फल, बीज, पत्तियों, जड़ों का इस्तेमाल उदर शूल, डायरिया, पेचिश के अलावा अनेक प्रकार की बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि इमली के बीज से निकाला गया लैक्टिन ग्लाइकेन्स अथवा ऐसे शुगर मॉलीक्यूल्स के साथ मिल जाता है जिसमें एन एसिटिलग्लूकोसामीन (एनएजी) होता है। इससे मूल कोशिकाओं में जीवाणु घुस नहीं पाता।  

इमली के अन्य स्वास्थ्य फायदे
इमली विटामिन सी, ई और बी के अलावा इमली में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और फाइबर का बेहतर स्रोत है। यही वजह है कि इमली के सेहत के लिए कई फायदे हैं। इमली से भूख बढ़ाने, पाचन को दुरुस्त रखने, कब्ज-दस्त से बचने, वजन कम करने और शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: Chikungunya: symptoms, complications, treatment, home remedies, cure chikungunya with tamarind or imli

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