मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का कार्डियक अरेस्ट से निधन, जानें क्या होता है कार्डियक अरेस्ट, किसे है ज्यादा खतरा, लक्षण, बचाव के तरीके
By उस्मान | Published: July 3, 2020 08:47 AM2020-07-03T08:47:34+5:302020-07-03T08:47:34+5:30
कार्डियक अरेस्ट क्या है और यह हार्ट अटैक से कैसे लगा है और इसका खतरा किन लोगों को होता है
बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का गुरुवार रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है। वो 71 साल की थी। सांस लेने में परेशानी की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने मुंबई के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 'मास्टरजी' नाम से मशहूर सरोज ने अपने लंबे और शानदार करियर में 2000 से अधिक गानों का निर्देशन किया।
सांस की तकलीफ के बाद कराया गया था भर्ती
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार,सरोज खान को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद 17 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगभग पंद्रह दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद गुरूवार रात उनका कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया।
कोरोना वायरस की रिपोर्ट आई निगेटिव
सांस की तकलीफ को देखते हुए उनका कोरोना वायरस संक्रमण का टेस्ट भी हुआ था। हालांकि उनका रिजल्ट निगेटिव आया था। बता दें कि सांस की तकलीफ कोविड-19 का सबसे बड़े लक्षणों में से एक है।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर है। आपको बता दें कि कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है। यह एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराने से असामयिक मौत हो सकती है। हार्ट अटैक में धमनियों के ब्लॉक होने से दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में इलेक्ट्रिक इनबैलेंस की वजह से दिल धड़कना बंद कर देता है।
दिल का सही तरह से काम ना करना अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकता है, जिसमें व्यक्ति भावशून्य हो जाता है। इसमें व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है और हांफने लगता है। इस स्थिति में आप इमरजेंसी कॉल कर सकते हैं या सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससाइटेशन) यानि मुंह से सांस देना या छाती को थपथपाना शुरू कर सकते हैं।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट के चेतावनी या लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि इसके तीन मुख्य संकेत होते हैं, जिनके पहचानकर आप व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।
1) व्यक्ति अचानक होश खो बैठता है। यही कारण है कि पीड़ित व्यक्ति अचानक गिर पड़ता है। इसके कंधों को थपथपाने पर भी मरीज कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है।
2) व्यक्ति नॉर्मल तरीके से सांस नहीं ले पाता है और दिल अचानक तेजी से धड़कना शुरू कर देता है।
3) पल्स और ब्लड प्रेशर थम जाते हैं और शरीर व दिमाग के अन्य हिस्सों में खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है।
कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित की ऐसे करें मदद
ऐसी स्थिति में तुरंत आपातकालीन नंबर पर फोन करें या फिर सीपीआर शुरू करें। अगर सीपीआर को सही तरीके से किया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस तकनीक से मेडिकल हेल्प नहीं मिलने तक बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन संचारित होता रहता है।
इसके अलावा अगर आपके पास एम्ब्यूलेटरी एक्सटर्नल डीफाइब्रलेटर डिवाइस है, तो आपके पास रोगी की जान बचाने का सबसे अच्छा मौका है।