बीमार अरुण जेटली राजनीति से चाहते हैं दूरी, जेटली को है ये अजीब कैंसर, जानें इस बीमारी के बारे में सब कुछ
By उस्मान | Published: May 29, 2019 03:08 PM2019-05-29T15:08:23+5:302019-05-29T15:08:23+5:30
पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली ने एक पत्र लिखकर पीएम मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ से पहले मोदी के मंत्रिमंडल को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। खबरें आ रही थी कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हालांकि जेटली ने एक पत्र लिखकर पीएम मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।
जेटली ने पत्र में कहा कि पिछले 18 महीने से खराब स्वास्थ्य का सामना कर रहा हूं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद आपके केदरनाथ जाने से पहले मैंने आपको सूचित किया था कि चुनाव प्रचार की सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहा। भविष्य में कुछ समय के लिए सभी दायित्वों से परे रहना चाहता हूं। मैं फिलहाल अपनी सेहत और इलाज पर ध्यान देना चाहता हूं।
I have today written a letter to the Hon’ble Prime Minister, a copy of which I am releasing: pic.twitter.com/8GyVNDcpU7
— Arun Jaitley (@arunjaitley) May 29, 2019
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबरें शेयर की जा रही थी। हालांकि वो अफवाह थी। अरुण जेटली डायबिटीज समेत कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। पिछले साल मई में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता चला गया। उनके पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का भी कुछ ही महीनों पहले ट्रीटमेंट हुआ है। चुनाव के दौरान भी वे सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए, जिसके बाद ऐसी झूठी अफवाहों को हवा मिली।
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं अरुण जेटली
आपको बता दें की अरुण जेटली पिछले कई महीनों से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर व्यक्ति के कंधों और पैरों को अधिक प्रभावित करती है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है।
सर्जरी के जरिये इसे निकाला जा सकता है। हालांकि रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका इलाज संभव है लेकिन यह इसके साइज, प्रकार और जगह पर निर्भर करता है। इस बीमारी को लेकर दुखद यह है कि इसके लक्षण शुरूआती चरण में नजर नहीं आते हैं। किसी व्यक्ति को जब मांसपेशियों और नसों में तेज दर्द रहने लगे तो उसे सावधान हो जाना चाहिए।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के लक्षण
शरीर में कोई भी सूजन या गांठ
हड्डियों में दर्द
लम्बे समय से कोई गांठ
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कारण
आमतौर पर यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा का इलाज
क्योंकि सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कई प्रकार होते हैं इसलिए इसके प्रकार, साइज और जगह के अनुसार इलाज कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर्स इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिये इलाज करते हैं।
सुबह की धूप है फायदेमंद
डॉक्टर के अनुसार, सुबह की धूप से विटामिन डी मिलता है। कई रिसर्च इस बात को मानती हैं कि इससे कैंसर से बचने में मदद मिलती है। युवी किरणें विटामिन डी से भरपूर होती हैं और जब यह त्वचा पर पड़ती हैं, तो कैंसर से जल्दी निपटने में मदद मिलती है।