बिहार: मुजफ्फरपुर में एईएस की चपेट में आने से अब तक 16 बच्चों की मौत, कई की हालत नाजुक
By एस पी सिन्हा | Published: June 8, 2019 05:52 AM2019-06-08T05:52:10+5:302019-06-08T05:52:10+5:30
एक तरफ जहां एईएस बीमारी से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. वहीं, दूसरी ओर बिहार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है.
पटना, 7 जूनः प्रचंड गर्मी और उमस बढ़ने के साथ ही बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस (एक्यूट इंसेफ्लाईटिस सिंड्रोम) ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को देर रात बीमारी से पीड़ित पांच और बच्चों की मौत हो गई है. वहीं, बीमारी से पीड़ित 13 बच्चों को एसकेएमसीएच व जूरन छपरा स्थित केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. भर्ती बच्चों का एईएस के तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है.
डॉक्टरों ने सभी की हालत गंभीर बताई है. दूसरी ओर, जिले के स्वास्थ्य अधिकारी ने दो बच्चे के एईएस से मौत की पुष्टि कर रहे हैं. वहीं, अन्य में बीमारी का अभी पता नहीं होने की बात कह रहे हैं. इन बच्चों की मौत के साथ पिछले तीन दिनों में बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या आठ हो गई है. वहीं, इस माह अबतक 16 बच्चों की मौत चमकी व तेज बुखार से हो गई है. 12 नए मरीज भर्ती होने से पीडितों की संख्या 32 हो गई है. इसमें 27 बच्चे एसकेएमसीएच और वहीं अन्य अस्पतालों ने भी पांच मरीजों के मिलने की पुष्टि की गई है.
चमकी बुखार के कहर को देखते हुए जिले के सभी पीएचसी को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की गई है फिर भी लोगों को अपने बच्चों के प्रति खासा ख्याल रखने की जरूरत है. उसे गर्मी से बचाने के साथ समय-समय पर तरल पदार्थों का सेवन करवाना जरूरी है.
यहां उल्लेखनीय है कि 90 के दशक से इस बीमारी का प्रकोप मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में है. अब तक सैकडों बच्चों की जान अज्ञात बीमारी ने ले ली है, लेकिन सिस्टम और डॉक्टर भी इस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि इस लाइलाज बीमारी से कैसे मासूम बच्चों को बचाया जाए. ऐसे में एक तरफ जहां एईएस बीमारी से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. वहीं, दूसरी ओर बिहार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय विदेश दौरे पर हैं और विभाग के प्रधान सचिव भी उनके साथ हैं और जो प्रभार में हैं उनके पास ना तो मरने वाले बच्चों की कोई जानकारी है न हीं कितने मरीज इस बीमारी से इलाज के लिए भर्ती कराए गए हैं इसकी जानकारी है. प्रभारी निदेशक डॉ उदय गुप्ता के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने 12 जिलों में दवा और उपकरण भेज दिया है. लेकिन एईएस से मरने वाले बच्चों की कोई जानकारी मुख्यालय के पास नहीं आई है.