चीन में बनी प्रदूषण रोकने की सबसे बड़ी मशीन, भारत मूर्ति पर खर्च कर रहा अरबों रुपये, कैसे बचेगी लोगों की जान?
By उस्मान | Published: November 9, 2018 03:39 PM2018-11-09T15:39:43+5:302018-11-09T15:39:43+5:30
प्रदूषण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। हाल ही में डबल्यूएचओ की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि पिछले साल जहरीली हवा के कारण भारत में लगभग एक लाख बच्चों की मौत हो गई थी। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 30 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
चीन के वैगानिकों ने दुनिया का सबसे बड़ा एयर प्यूरीफायर बनाया है। 100 मीटर लंबे इस प्युरिफायर से प्रदूषण के खराब होने वाली हवा को साफ करने में मदद मिलेगी ताकि देश के लोगों के शरीर के भीतर शुद्ध हवा जा सके और उन्हें खराब प्रदूषण के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों से बचने में मदद मिल सके। ये प्यूरीफायर चीन के शांक्शी प्रांत के झियान शहर में एक टॉवर पर लगाया गया है। दुनिया में इतना बड़ा प्यूरीफायर और कहीं नहीं है।
चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ एनवायरनमेंट के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस टावर से शहर के 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तक की वायु को साफ करने में मदद मिलेगी। इसका मतलब यह है कि इससे पूरे शहर की हवा को साफ करने के साथ-साथ शहर से सटे इलाकों को भी साफ करने में मदद मिलेगी। ये रोज एक करोड़ घनमीटर हवा को साफ करता है। इसके लगने के बाद शहर की साफ हवा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है। केवल यही नहीं ये प्यूरीफायर टॉवर हवा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ स्मॉग को भी 15 से 20 फीसदी तक कम करता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में स्मॉग से 1.8 मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और वैज्ञानिकों ने खतरे से निपटने के लिए कड़ी मेहनत की है। इंस्टिट्यूट इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंसियल एनालिसिस के अनुसार, चीन ने क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर साल 2005 में 7.5 अरब डॉलर जबकि 2015 में 101 अरब डॉलर का निवेश किया। इधर रोपीय संघ ने 2015 में 39.9 बिलियन का निवेश किया था।
काश दिल्ली में एयर प्युरिफायर लगा होता
देश की राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है। दिवाली के बाद वायु प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स सबसे खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। कई इलाकों में यह लेवल 1000 को टच कर गया है। दिल्ली-एनसीआर का अधिकांश हिस्सा अत्यधिक खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में आंख और सांस से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 60 फीसदी बढ़ी है।
आंख और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा
डॉक्टर और एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस जहरीली हवा से लोगों को अस्थमा, खांसी, आंखों में जलन, सिरदर्द जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण खराब होने से कई लोगों को आंखों का सूखापन, कंजंक्टिवाइटिस, आंखों में जलन, आंखों में खुजली, आंखों का लाल होना, धुंधला दिखना और आंखों में दर्द सबसे अधिक खतरा होता है।
दिल्ली में प्रदूषण से हर साल 30 हजार लोगों की मौत
प्रदूषण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। हाल ही में डबल्यूएचओ की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि पिछले साल जहरीली हवा के कारण भारत में लगभग एक लाख बच्चों की मौत हो गई थी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 30 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
मूर्ति और पुल बनाने में बिजी सरकार
पिछले महीने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उदघाटन किया। इस मूर्ति को बनाने में लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इधर दिल्ली सरकार ने भी दिल्ली में 1,518.37 करोड़ रुपयों से बना 'सिग्नेचर ब्रिज' का उद्घाटन किया है। सरकार को अगर वाकई लोगों की चिंता होती, तो उसे लोगों की जान की परवाह करनी चाहिए थी। इतने पैसों में देश के बड़े शहरों में भी कई एयर प्युरिफायर लगाए जा सकते थे।