Bharat Biotech COVAXIN update: देसी टीके 'कोवाक्सिन' के तीसरे चरण के ट्रायल का रिजल्ट जारी, टीका 81% असरदार
By उस्मान | Published: March 3, 2021 05:22 PM2021-03-03T17:22:20+5:302021-03-03T18:41:42+5:30
यह भारत में बना कोरोना वायरस का पहला टीका है और इसका इस्तेमाल टीकाकरण में भी किया जा रहा है
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को कोरोना वायरस की वैक्सीन कोवाक्सिन (Covaxin) के तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम जारी किये हैं। कंपनी ने कहा है कि भारत की पहली इस होममेड वैक्सीन की प्रभावशीलता 81% है। इस वैक्सीन का कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
कंपनी ने कहा है कि यह डेटा 25,800 प्रतिभागियों पर किये गए परीक्षण के आधार पर है, जिन्होंने 1: 1 के अनुपात में एक टीका प्राप्त किया। परीक्षण भारत सरकार के चिकित्सा अनुसंधान निकाय ICMR के साथ साझेदारी में किया गया।
देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है। बता दें, कि सरकार पहले ही इस टीके को आपातकालीन मंजूरी दे चुकी है और पीएम पीएम मोदी ने भी इसका डोज लिया है।तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा आने से पहले वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की वजह से विपक्षी पार्टियों और कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। इसी वजह से कई लोग इस वैक्सीन को लगवाने से कतराते थे।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई और वैक्सिन (टीका) की खोज में विज्ञान के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के आज के परिणाम के साथ हमने अपने कोविड- 19 टीके के पहले, दूसरे और तीसरी परीक्षण के आंकड़ों को जारी कर दिया है। इन परीक्षणों में करीब 27,000 व्यक्ति शामिल हुये।’’
हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण के दूसरे चरण में यह टीका लगवाकर संदेश दे दिया था कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उस वक्त ट्विटर पर भिड़ गए थे जब तिवारी ने भारत बायोटेक द्वारा देश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के आपात उपयोग की मंजूरी दिए जाने को लेकर सवाल खड़े किए थे।
हर्षवर्धन ने तिवारी पर पलटवार करते हुए कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सिर्फ अफवाहें फैलाने में लगे हैं। भारत में स्वदेशी रूप से दो टीके ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ विकसित किए गए हैं। कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक ने किया है।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान आरंभ होने की पृष्ठभूमि में तिवारी ने टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया था कि टीकों के आपात उपयोग की स्वीकृति देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है।
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजीबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था, ‘‘कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई।’’ इस पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया था, ‘‘मनीष तिवारी और कांग्रेस को सिर्फ अफवाहें फैलाने की पड़ी है। अपनी आंखे खोलिए.... और जानेमाने चिकित्सक और सरकारी अधिकारी टीका लगवा रहे हैं।’’