डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज : शुगर कंट्रोल करने की 6 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी और इस्तेमाल करने का तरीका
By उस्मान | Published: March 29, 2021 09:55 AM2021-03-29T09:55:30+5:302021-03-29T09:55:30+5:30
डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है इसलिए इसे कंट्रोल रखना जरूरी है
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। यही वजह है कि शुगर के मरीजों को अपने डाइट का खास ध्यान रखना होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज की चपेट में है और यही वजह है कि देश को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है।
शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से और शरीर में इंसुलिन के कम उत्पादन के कारण यह बीमारी होती है। अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा, बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी तेजी से डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं।
डायबिटीज एक गंभीर समस्या है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। बेहतर खान-पान और जीवनशैली के जरिए इसे सिर्फ सिर्फ कंट्रोल रखा जा सकता है। कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जिनके नियमित सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
गुड़मार
इसे जिमनामा सिल्वेस्टर नाम से जाना जाता है और यह पौधा ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है। यह एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाकर काम कर सकता है जो कोशिकाओं को ग्लूकोज का उपयोग करने या इंसुलिन के उत्पादन को उत्तेजित करने में मदद करता है।
हालांकि इसका बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन इसके किसी गंभीर दुष्प्रभाव होने का खतरा नहीं है। साल 2017 में जर्नल एपेटाइट में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने जिमनामा सिल्वेस्ट्रे वाली चाय पी थी, उन्होंने मीठे खाद्य पदार्थों के लिए अपनी पसंद को कम कर दिया, एक प्रभाव जो मोटे और अधिक वजन वाले लोगों के लिए निहितार्थ हो सकता है।
करेला
कड़वा करेला डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है। यह कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ढंग से ग्लूकोज का उपयोग करने और आंत में चीनी के अवशोषण को अवरुद्ध करने में मदद करने के लिए माना जाता है। साल 2017 में के एक अध्ययन के अनुसार, कड़वा करेला टाइप 1 डायबिटीज में शुगर लेवल को कम कर सकता है।
नागफनी
2017 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इस कैक्टस का पका हुआ फल ब्लड शुगर लेवल कम करने में सहायक है। इसके कई अन्य स्वास्थ्य फायदे भी हैं। यह आपको किसी किराने की दुकान में मिल सकता है। इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जिस वजह से यह फल मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए भी वरदान है जोकि डायबिटीज का एक मुख्य कारक है।
नीलबदरी
ब्लूबेरी श्रेणी के फल और पत्तियों में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। एंथोसायनिन नामक ये एंटीऑक्सिडेंट छोटे रक्त वाहिकाओं को नुकसान को रोकने में मदद करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप तंत्रिका दर्द और रेटिनोपैथी (आंख की रेटिना को नुकसान) हो सकता है। हालांकि, आम तौर पर दृष्टि में सुधार के लिए बिलबेरी को बढ़ावा दिया जाता है।
मेंथी
मेथी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो मेटाबोलिज्म ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। एक शोध के अनुसार, इसके छोटे-छोटे बीज फाइबर का भंडार हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा इसमें एक अमीनो एसिड भी होता है जो इंसुलिन को बढ़ावा देता है। अयू नामक पत्रिका में 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि मेथी खाने से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है।
जिनसेंग
जिनसेंग इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने और रोग से लड़ने वाले लाभों के लिए जानी जाने वाली यह चीनी जड़ी बूटी डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिनसेंग कार्बोहाइड्रेट अवशोषण धीमा कर देता है; ग्लूकोज का उपयोग करने के लिए कोशिकाओं की क्षमता बढ़ जाती है; और अग्न्याशय से इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है।