Coronavirus: हवा के जरिये फैल रहा है वायरस ?, वैज्ञानिकों की सलाह, आपको वायरस से बचा सकता है यह उपाय
By भाषा | Published: June 15, 2020 09:20 AM2020-06-15T09:20:36+5:302020-06-15T09:20:36+5:30
वैज्ञानिकों ने इस बात पर चिंता जताई है कि डब्ल्यूएचओ ने अभी तक इस बात को नजरअंदाज किया कि कोरोना हवा में नहीं फैलता है
कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और इस महामारी से दुनियाभर में अब तक 7,990,007 लोग संक्रमित हो गए हैं जबकि 435,493 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना का कोई इलाज नहीं है और इससे बचने का सिर्फ के ही तरीका है और वो है खुद को संक्रमित लोगों से दूर रखना।
कोरोना एक ऐसी खतरनाक बीमारे है जिसके बारे में अभी तक हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही है। अब एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस वायरस के हवा में फैलने के संकेत दिए हैं और वो इसे लेकर काम कर रहे हैं।
वायरस के फैलने का प्रमुख जरिया हो सकती है हवा
कोरोना वायरस का हवा के जरिए होने वाला प्रसार अत्यधिक संक्रामक और इस बीमारी के फैलने का प्रमुख जरिया हो सकता है। एक अध्ययन में दुनियाभर में इस महामारी के तीन प्रमुख केंद्रों में विषाणु के प्रकोप का आकलन किया गया है।
रसायन विज्ञान में 1995 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले मारियो जे मोलिना समेत वैज्ञानिकों ने महामारी के तीन केंद्रों चीन के वुहान, अमेरिका में न्यूयॉर्क शहर और इटली में इस संक्रमण की प्रवृत्ति और नियंत्रण के कदमों का आकलन करके कोविड-19 के फैलने के मार्गों का आकलन किया।
डब्ल्यूएचओ के दावे पर हैरान हैं वैज्ञानिक
शोधकर्ताओं ने चिंता जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन लंबे समय से केवल संपर्क में आने से होने वाले संक्रमण को रोकने पर जोर देता रहा है और कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने के तथ्य को नजरअंदाज करता रहा है।
पत्रिका ‘पीएनएएस’ में प्रकाशित अध्ययन के आधार पर उन्होंने कहा कि हवा से होने वाला प्रसार अत्यधिक संक्रामक है और यह इस बीमारी के प्रसार का प्रमुख जरिया है।
हवा में भी रहते हैं विषाणु
उन्होंने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर नाक से सांस लेने से विषाणु वाले एरोसोल सांस लेने के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।’’ सूक्ष्म ठोस कणों अथवा तरल बूंदों के हवा या किसी अन्य गैस में कोलाइड को एरोसोल कहा जाता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से पैदा होने वाले और मनुष्य के बाल की मोटाई जितने आकार के एरोसोल्स में कई विषाणु होने की आशंका होती है।
मास्क लगाने से हो सकता है बचाव
शोधकर्ताओं के अनुसार अमेरिका में लागू सामाजिक दूरी के नियम जैसे अन्य रोकथाम उपाय अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने में विश्व इसलिए नाकाम हुआ क्योंकि उसने हवा के जरिए विषाणु के फैलने की गंभीरता को पहचाना नहीं।’’ उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे पर मास्क लगाकर बीमारी को फैलने से रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
भारत में कोरोना वायरस के ताजा अपडेट
भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 11,929 नए मामले सामने आए । इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,20,922 हो गई है। संक्रमित लोगों में से 311 और लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या 9,195 पर पहुंच गई है। कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले में भारत सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में नौंवे स्थान पर है। दुनियाभर से कोविड-19 का डेटा एकत्रित करने वाले जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने संक्रमण से मौत के लिहाज से भारत को नौंवे स्थान पर रखा है और संक्रमण के कुल मामलों को देखते हुए सर्वाधिक प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर रखा है। यह लगातार तीसरा दिन है जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।