16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन चाहिए था गंभीर रोग से पीड़ित बच्ची को, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त दिया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 8, 2022 02:29 PM2022-08-08T14:29:24+5:302022-08-08T14:42:54+5:30

स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने लगभग 2 साल की बच्ची को गंभीर स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नामक बीमारी से बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मुफ्त दिया है।

16 crore injection was needed to the girl suffering from serious disease, Swiss pharmaceutical company gave free | 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन चाहिए था गंभीर रोग से पीड़ित बच्ची को, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त दिया

16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन चाहिए था गंभीर रोग से पीड़ित बच्ची को, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त दिया

Highlightsदो साल की बच्ची को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी ने मुफ्त भेजी दवा16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने मानवीय आधार पर भेजाबच्ची स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नाम की एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित है

हैदराबाद:स्विट्जरलैंड की एक दवा कंपनी ने 23 महीने के एक बच्ची को दुर्लभ जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मुफ्त प्रदान किया है। जानकारी के मुताबिक लगभग 2 साल का यह बच्ची स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) नाम की एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित है।

डॉक्टरों के मुताबिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी-1 (एसएमए-1) बीमारी से बच्ची को बचाने के लिए यह इंजेक्शन देना बहुत जरूरी है और इसके बिना इस बीमारी से बच्ची का शरीर लड़ाई नहीं लड़ सकता है। समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रविवार को हैदराबाद के रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में यह इंजेक्शन बीमार बच्ची को जोलगेन्स्मा जीन थेरेपी के द्वारा दी गई।

बताया जा रहा है कि भद्राद्री कोठागुडेम जिले के रेगुबली गांव के रहने वाले रायपुडी प्रवीण और स्टेला की बेटी एलेन के इलाज में लगे डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि एलेन की जिंदगी बचाने के लिए यह इंजेक्शन बहुत आवश्यक है। जिसके बाद बच्ची के मां-बाप ने स्विट्जरलैंड स्थित फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस से संपर्क साधा।

दवा कंपनी को बच्ची की गंभीर हालात के बारे में जानकारी देने के साथ माता-पिता ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। माता-पिता ने कंपनी को बताया कि वो इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये चुकाने में समर्थ नहीं हैं। माता-पिता ने बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए दवा कंपनी से इंजेक्शन मुफ्त में देने की अपील की।

जिसके बाद स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने मानवीय आधार पर बीमारी से पीड़ित एलेन के माता-पिता के अपील को स्वीकार करते हुए यह दवा मुफ्त में भिजवाई।

इस गंभीर बीमरी के संबंध में हैदराबाद के रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर रमेश कोनांकी ने कहा कि एसएमए-1 बीमारी से प्रभावित बच्चों की विकास ठहर जाता है और सामान्य बच्चों की तुलना में उनके शरीर का विकास लगभग शून्य हो जाता है।

उन्होंने बताया कि एलेन दिनचर्या की सामान्य गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर सकती थी क्योंकि विशेष रूप से उसके सिर, गर्दन, हाथ और पैरों में सामान्य गति की क्षमता नहीं रहती और वो भोजन को निगलने पाने में भी पूरी तरह से असमर्थ थी। उसे सांस लेने में भी बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है और उसके शरीर की मांसपेशियों इतनी कमजोरी हो गई हैं कि वो उठ-बैठ भी नहीं सकती है।

डॉक्टर रमेश कोनांकी के मुताबिक 2 साल तक की उम्र के बच्चों में पाये जाने वाली एसएमए बीमारी उनके जीवन के लिए बेहद गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। साल 2019 तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था। हालांकि स्विट्जरलैंड की फार्मास्युटिकल फर्म नोवार्टिस ने इस बीमारी का सफल इलाज विकसित कर लिया है, जिसमें इंजेक्शन के जरिये बीमारी से प्रभावित जीन को बदल दिया जाता है।" 

Web Title: 16 crore injection was needed to the girl suffering from serious disease, Swiss pharmaceutical company gave free

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