दिल्ली में डेंगू से इस साल पहली मौत, मलेरिया के 131, डेंगू के 69 मामले आए सामने

By उस्मान | Published: August 20, 2018 06:11 PM2018-08-20T18:11:41+5:302018-08-20T18:11:41+5:30

इस मौसम में डेंगू के कुल 69 मामले सामने आये हैं जिसमें से 11 अगस्त तक 20 मामले, जुलाई में 19, जनवरी में छह, फरवरी में तीन, मार्च में एक, अप्रैल में दो, मई में 10 और जून में आठ मामले सामने आये थे। पिछले सप्ताह चिकुनगुनिया का कोई ताजा मामला सामने नहीं आया था।

131 malaria and 69 dengue cases in delhi this season | दिल्ली में डेंगू से इस साल पहली मौत, मलेरिया के 131, डेंगू के 69 मामले आए सामने

फोटो- पिक्साबे

राजधानी दिल्ली में अगस्त में पहले 18 दिनों के दौरान मलेरिया के कम से कम 43 मामले सामने आये हैं जिससे इस मौसम में शहर में इस बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 131 हो गई।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की ओर से आज जारी एक रिपोर्ट के अनुसार फरवरी में मलेरिया के दो मामले, अप्रैल और मार्च में एक एक मामले, मई में 17, जून में 25, जुलाई में 42 और 18 अगस्त तक 43 मामले सामने आये हैं। एसडीएमसी ही शहर में इस बीमारी के आंकड़े का ब्योरा रखता है।

इस मौसम में डेंगू के कुल 69 मामले सामने आये हैं जिसमें से 11 अगस्त तक 20 मामले, जुलाई में 19, जनवरी में छह, फरवरी में तीन, मार्च में एक, अप्रैल में दो, मई में 10 और जून में आठ मामले सामने आये थे। पिछले सप्ताह चिकुनगुनिया का कोई ताजा मामला सामने नहीं आया था।

सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि डेंगू और मलेरिया दोनों के वाहक अलग अलग हैं। उन्होंने लोगों से सभी तरह के ऐहतियात बरतने की सलाह दी जैसे पूरी बाजू के कपड़े पहनना और घरों में मच्छरों को नहीं पैदा होने देना शामिल हैं। 

चिकित्सक ने कहा, 'कूलरों का पानी इस्तेमाल नहीं होने पर सुखा देना चाहिए क्योंकि डेंगू का संक्रमण फैलाने वाले मच्छर वहां पैदा होते हैं। घरों में मच्छरदानी का इस्तेमाल होना चाहिए।' 

1) गंदे पानी को एकत्र होने से रोकना 
दोस्तों अक्सर बरसात के मौसम में भारी बारिश होती है तो जगह जगह पर पानी इक्टठा हो जाता है जिसके चलते इन गंदे पानी में अनेक प्रकार के मच्छर पैदा हो जाते है तो यदि हम इन उपायों पर अम्ल करें, तो निश्चित ही मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं। 

2) कीटनाशक धुएं का प्रयोग 
गांवों में आज भी गोबर से बने उपलों को जलाते हैं और नीम की पत्तियों को भी इनके साथ जलाते हैं जिससे ये मच्छर मर जाते हैं। इसलिए इस कीटनाशक धुएं का प्रयोग करना चाहिए। शहरो में महानगर पालिका द्वारा कीटनाशक धुएं का छिड़काव किया जाता है। 

3) अनेक प्रकार के दवाओ का प्रयोग का प्रयोग 
आजकल बाजार में अनेक प्रकार की दवाएं और कॉइल्स भी मिलते हैं जिनके द्वारा मच्छरों को भगाया जा सकता है। हालांकि कॉइल्स का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से इसके बारे में अच्छी तरह जानकारी प्राप्त कर लें। मच्छर मारने वाली दवाओ का प्रयोग भी सलाह के बाद ही करें। 

Web Title: 131 malaria and 69 dengue cases in delhi this season

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