गोस्था पाल के बेटे का दावा, मोहन बागान ने उनके पिता का पद्म श्री पुरस्कार खोया

By भाषा | Published: April 8, 2019 09:17 PM2019-04-08T21:17:07+5:302019-04-08T21:17:07+5:30

महान भारतीय फुटबॉलर गोस्था पाल के बेटे निरांग्शु ने सोमवार को दावा किया कि मोहन बागान ने प्रतिष्ठित पद्म श्री समेत उनके पिता के आठ पुरस्कार खो दिए हैं।

Mohun Bagan misplaced Gostha Pal’s Padma Shri award, claims son | गोस्था पाल के बेटे का दावा, मोहन बागान ने उनके पिता का पद्म श्री पुरस्कार खोया

गोस्था पाल के बेटे का दावा, मोहन बागान ने उनके पिता का पद्म श्री पुरस्कार खोया

कोलकाता, आठ अप्रैल। महान भारतीय फुटबॉलर गोस्था पाल के बेटे निरांग्शु ने सोमवार को दावा किया कि मोहन बागान ने प्रतिष्ठित पद्म श्री समेत उनके पिता के आठ पुरस्कार खो दिए हैं। अपने पिता की 43वीं पुण्यतिथि के मौके पर 78 साल के निरांग्शु और उनके परिवार के सदस्य सोमवार को विरोध स्वरूप क्लब गए और मोहन बागान रत्न लौटा दिया जो गोस्था पाल को 2004 में मरणोपरांत दिया गया था।

निरांग्शु ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य पुरस्कार वापस हासिल करने के लिए 1996 में गोस्था पाल के जन्मशती वर्ष से प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले साल निरांग्शु को क्लब के अधिकारियों ने उनके पिता की चीजें वापस देने के लिए बुलाया था लेकिन वह उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि काकरोच और छिपकलियों से भरे थैले मे अधिकांश चीजें खराब हो चुकी हैं। इससे लापरवाही करार देते हुए निरांग्शु ने कहा कि इसके बाद उनके परिवार ने खोई हुई चीजों के संदर्भ में मैदान पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया।

भावुक निरांग्शु ने पेकपाड़ा में अपने आवास से बताया, ‘‘लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है और इसलिए हमने रत्न भी लौटाने का फैसला किया।’’

मोहन बागान के कोषाध्यक्ष सत्यजीत चटर्जी ने कहा कि क्लब ने इन चीजों को खोया नहीं है और वे जल्द ही पद्म श्री लौटा देंगे। निरांग्शु और उनके परिवार ने चटर्जी को ही मोहन बागान रत्न लौटाया। चटर्जी ने कहा, ‘‘वे (निरांग्शु और उनका परिवार) आए और मोहन बागान रत्न क्लब में छोड़कर चले गए। हमें पद्म श्री सहित पुराने पदक उन्हे जल्द वापस करेंगे।’’

गोस्था पाल 1962 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर थे। उनके शानदार डिफेंस के लिए उनकी तुलना चीन की दीवार से की जाती थी और वह 22 साल तक मोहन बागान के लिए खेले। ईडन गार्डन्स के सामने 1984 में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई और जहां मोहन बागान क्लब है उस सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया। गोस्था पाल 2004 में मोहन बागान रत्न पाने वाले चौथे खिलाड़ी बने थे।

Web Title: Mohun Bagan misplaced Gostha Pal’s Padma Shri award, claims son

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