FIFA World Cup: दो कमजोर टीमों के बीच होगा पहला मुकाबला, मैच देखने पहुंचेंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन
By भाषा | Published: June 14, 2018 10:03 AM2018-06-14T10:03:12+5:302018-06-14T10:03:12+5:30
FIFA World Cup: रूस और सऊदी अरब मास्को के लुजनिकी स्टेडियम में आमने सामने होंगे, जहां 15 जुलाई को फाइनल भी खेला जाएगा।
मास्को, 13 जून। पिछले कुछ समय से लगातार लचर प्रदर्शन करने, डोपिंग के साए में जीने और फीफा विश्व कप 2018 की सबसे कम रैंकिंग वाली टीम होने के बावजूद मेजबान रूस जब अपनी सरजमीं पर फुटबॉल महासमर में उतरेगा तो उसका लक्ष्य एक अन्य कमजोर टीम सऊदी अरब पर जीत दर्ज करके सकारात्मक शुरुआत करना होगा।
सबसे कमजोर टीमों के बीच उद्घाटन मैच
मेजबान होने के कारण रूस को विश्व कप में स्वत: ही जगह मिल गई थी, लेकिन फीफा की ताजा विश्व रैंकिंग में वह 70वें स्थान पर है जो टूर्नामेंट में भाग ले रही सभी 32 टीमों में से सबसे कम है। सऊदी अरब 67वें स्थान पर है वह विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाली 31 टीमों में सबसे कम रैंकिंग वाली टीम है। सऊदी अरब विश्व कप का उद्घाटन मैच खेलने वाली एशिया की पहली टीम भी बन जाएगी।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देखने पहुंचेंगे मैच
रूस और सऊदी अरब मास्को के लुजनिकी स्टेडियम में आमने सामने होंगे, जहां 15 जुलाई को फाइनल भी खेला जाएगा। रूस ग्रुप ए से नॉकआउट में पहुंचने और ग्रुप चरण से बाहर होने वाला दूसरा मेजबान बनने से बचने के लिए इस मैच में अपनी जीजान लगा देगा। जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दर्शक दीर्घा में मौजूद रहने की संभावना है। इससे पहले केवल दक्षिण अफ्रीका ही 2010 में ऐसी मेजबान टीम थी जो ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई थी।
रूस का हालिया फॉर्म बेहद ही खराब
स्टेनिसलाव चेरचेसोव के कोचिंग वाली रूसी टीम का हालिया प्रदर्शन हालांकि अच्छा नहीं रहा। उसे टूर्नामेंट से पहले चारों मैत्री मैचों में से किसी में भी जीत नहीं मिली। असल में रूस ने अपनी आखिरी जीत पिछले साल अक्तूबर में दर्ज की थी, जब उसने दक्षिण कोरिया को अपनी सरजमीं पर 4-2 से हराया था। यही नहीं इससे पहले 2016 यूरो कप और 2017 फीफा कन्फेडरेशन कप में भी वह ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाया था।
सउदी अरब पर जीत रूस के लिए बेहद जरूरी
ग्रुप ए में मिस्र और उरूग्वे के रूप में दो अन्य मजबूत टीमें हैं और ऐसे में रूस अच्छी तरह से जानता है कि सऊदी अरब पर जीत हासिल करना कितना महत्वपूर्ण है। उसे जहां अपने घरेलू दर्शकों का समर्थन मिलेगा वहीं पर उस पर दबाव भी होगा।
रूस के लिए ये है बड़ी मुश्किल
फॉरवर्ड अलेक्सांद्र कोकोरिन तथा डिफेंडर ग्रेगरी डिजिकिया और विक्टर वासिन के इस साल के शुरू में चोटिल होने से रूस की विश्व कप तैयारियां प्रभावित हुई थे। इस कारण चेरचेसोव को पिछले महीने ऑस्ट्रिया के खिलाफ उन्हें रक्षापंक्ति में तीन के बजाय चार खिलाड़ी रखने पड़े थे। इसके बावजूद टीम यह मैच हार गई थी।
सऊदी अरब की टीम दे सकती है कड़ी चुनौती
सऊदी अरब भले ही फीफा विश्व रैंकिंग में रूस से तीन पायदान ही ऊपर है, लेकिन उसे आसान प्रतिद्वंद्वी नहीं माना जा सकता है। ग्रीन फॉल्कन के नाम से भी मशहूर सऊदी अरब की टीम विश्व चैंपियन जर्मनी को मैत्री मैच में कड़ी चुनौती देने तथा इससे पहले दो यूनान और अल्जीरिया पर जीत दर्ज करने से उत्साह से भरी है।
सऊदी अरब के फॉरवर्ड अपनी तेजी के लिये जाने जाते हैं। रूस के रक्षक थोड़े धीमे हैं और ऐसे में सर्गेई इगनाशेविच जैसे खिलाड़ियों को सऊदी अरब की तेजी से निबटने के लिये संघर्ष करना पड़ सकता है। इसके बावजूद इस मैच में रूस को जीत का दावेदार माना जा रहा है लेकिन यह इस पर भी निर्भर करता है कि वह दबाव को कैसे झेलता है।
रूस के उपर इस साल एक भी मैच नहीं जीतने का दबाव
रूसी टीम दबाव में रहेगी। इस साल एक भी मैच नहीं जीत पाने और पिछले साल कन्फेडरेशन कप का निराशाजनक प्रदर्शन उनके दिमाग में रहेगा। ऐसी स्थिति में चेरचेसोव खिलाड़ियों की वर्तमान फार्म को ध्यान में रखकर शुरुआती एकादश का चयन करेंगे। वह शुरू में 4-2-3-1 के प्रारूप के साथ उतर सकते हैं।
रूस को अगर जीत से शुरुआत करनी है तो उसके स्ट्राइकर फेडोर समोलोव को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने पिछले साल कन्फेडरेशन कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम को जीत दिलायी थी।
रूस के खिलाफ ऐसी हो सकती है सऊदी अरब की टीम
सऊदी अरब के कोच जुआन एंटोनियो पिज्जी ने सात महीने पहले ही अपनी जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने अपने मुख्य स्ट्राइकर मोहम्मद अल साहलवी को मैत्री मैचों में बाहर रखा था, लेकिन कल वह उन्हें शुरुआती एकादश में रख सकते हैं।
इस मैच को दो अलग तरह की शैलियों को पसंद करने वाले कोच के बीच मुकाबले के रूप में भी देखा जा रहा है। सऊदी अरब के कोच पिज्जी अपने प्रतिद्वंद्वी पर लगातार दबाव बनाने की रणनीति में माहिर है जिसके दम पर उन्होंने चिली को 2016 में कोपा अमेरिका कप का खिताब दिलाया था। रूसी कोच चेरचेसोव का रक्षात्मक रवैया अपनाते हैं।
ऐसा है दोनों टीमों के स्टार खिलाड़ियों का प्रदर्शन
रूस की टीम में कप्तान और गोलकीपर इगोर अकीनफीव (105 मैच) और 38 वर्षीय डिफेंडर सर्गेई इगनाशेविच (121 मैच) सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जबकि सऊदी अरब की टीम में ओसमा हवासावी हैं जो अब तक 135 मैच खेल चुके हैं। उनके अलावा मिडफील्डर तैसीर अल जासिम के नाम पर 132 मैच दर्ज हैं। इन दोनों टीमों के बीच इससे पहले केवल एक मैच खेला गया है। यह मैत्री मैच 1993 में खेला गया था जिसमें सऊदी अरब ने रूस को 4-3 से हराया था।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं (संभावित) -
रूस:
गोलकीपर: इगोर अकिनफीव, व्लादिमीर गाबूलोव, आंद्रेई लूनेव।
डिफेंडर्स: व्लादिमीर ग्रानेट, फेदोर कुद्रयाशोव, इलिया कुटेपोव, आंद्रेई सेमेनोव, सर्जेई इगनाशेविच, मारियो फर्नांडीज, इगोर, स्मोलनिकोव।
मिडफील्डर्स: यूरी गाजिनस्की, अलैक्जेंडर गोलोविन, एलन जागोइव, अलैक्जेंडर एरोकिन, यूरी झिरकोव, डालेर कुजयीव, रोमन जोबनिन, अलैक्जेंडर सामेदोव, एंटन मिरानचुक, डेनिस चेरीशेव।
फॉरवर्ड्स: अर्तेम ज्यूबा, एलेक्सी मिरानचुक, फेदोर स्मोलोव।
सऊदी अरब
गोलकीपर: मोहम्मद अल ओवैस, यासील अल मोसैलेम, अब्दुल्ला अल मेओफ।
डिफेंडर्स: मंसूर अल हरबी, यासील अल शाहरानी, मोहम्मद अल ब्रेइक, मोताज हावसावी, ओसामा हावसावी, ओमार हावसावी, अली अल बुलाही।
मिडफील्डर्स: अब्दुल्ला अल खैबरी, अब्दुलमलेक अल खैबरी, ओताइफ, तैसीर अल जासिम, होसैन अल मोगाहवी, सलमान अल फराज, मोहम्मद कन्नो, हट्टन बाहेब्री, सलेम अल दावसरी, याह्या अल शेहरी, फहाद अल मुववल्लाद।
फॉरवर्ड्स: मोहम्मद अल सहलावी, मुहान्नाद अस्सीरी।