फीफा वर्ल्ड कप 2018: VAR, चिप लगी टेलस्टर गेंद सहित टूर्नामेंट में दिखेंगे ये पांच बड़े बदलाव

By भाषा | Published: June 14, 2018 07:41 PM2018-06-14T19:41:08+5:302018-06-14T19:44:40+5:30

ब्राजील 2014 में 4K अल्ट्रा हाई डेफिनीशन तकनीक का ट्रायल किया गया था लेकिन इस बार पहली बार 4K फीड प्रसारकों को उपलब्ध करायी जाएगी।

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FIFA VAR Technique

नई दिल्ली, 14 जून: प्रत्येक विश्व कप में सुधार के लिये नई नई तकनीक का आना अब आम बात हो गई है और रूस में शुरू हुए फुटबाल के महासमर में इस दफा पांच तकनीक से इस महासमर को निखारा जा रहा है। 

ये पांच तकनीक हैं, VAR (वीडियो एसिसटेंट रैफरी), 4K अल्ट्रा हाई डेफिनीशन वीडियो एवं वीआर, इलेक्ट्रानिक परफॉरमेंस एंड ट्रैकिंग सिस्टम (ईपीटीएस), 5जी और एडिडास की टेलस्टर 18 फुटबॉल है। 

क्या है VAR

रैफरी वीएआर तकनीक के इस्तेमाल से गोल, पेनल्टी, रेड कार्ड और किसी गलत खिलाड़ी की पहचान के संबंध में वीडियो रैफरी को रेफर कर सकते हैं जो उनकी मदद करेगा। (और पढ़ें- FIFA World Cup 2018: फुटबॉल के महासमर में 32 टीमें और 500 से ज्यादा खिलाड़ी, देखिए पूरी लिस्ट)

इस तकनीक का परीक्षण कई टूर्नामेंट में किया जा चुका है जिसमें एफए कप शामिल है। फीफा सभी 64 मैचों में इस तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके लिये वीडियो सहायक रैफरी टीम में एक मुख्य वीएआर और तीन सहायक वीएआर होंगे जो मास्को में इंटरनेशनल ब्राडकास्ट सेंटर में वीडियो आपरेशन रूम (वीओरआर) में बैठेंगे।

वीएआर ‘फाइबर पर आधारित रेडियो सिस्टम’ के इस्तेमाल से रैफरियों से बात कर सकते हैं जबकि 33 प्रसारणकर्ता कैमरे की फीड और आफसाइड के दो कैमरे की फीड सीधे वीओरआर में पहुंचा दी जायेगी। इनमें से आठ फीड सुपर-स्लो मोशन की हैं और चार अल्ट्रा-स्लो मोशन की हैं। वहीं नाकआउट मैचों में दो अतिरिक्त अल्ट्रा-स्लो मोशन कैमरा होंगे।

4K High Definition तकनीक

ब्राजील 2014 में 4K अल्ट्रा हाई डेफिनीशन तकनीक का ट्रायल किया गया था लेकिन इस बार पहली बार 4K फीड प्रसारकों को उपलब्ध करायी जायेगी क्योंकि काफी बड़ी संख्या में दर्शकों के पास अब इस तकनीक के मुताबिक टीवी सेट हैं। (और पढ़ें- FIFA World Cup 2018: ये करेंगे कमाल या होंगे फ्लॉप? इन टॉप-5 खिलाड़ियों पर रहेंगी दुनिया भर की निगाहें)

इलेक्ट्रॉनिक परफॉरमेंस एंड ट्रैकिंग सिस्टम

इलेक्ट्रानिक परफॉरमेंस एंड ट्रैकिंग प्रणाली फीफा की दूसरी बड़ी खोज है जो टेबलेट आधारित प्रणाली है जिससे सभी भाग लेने वाली 32 टीमों के कोचों को खिलाड़ियों के आंकड़े और वीडियो फुटेज मुहैया होंगे। 

प्रत्येक टीम को तीन टेबलेट दिये जायेंगें स्टैंड में विश्लेषक को एक, बेंच पर विश्लेषक को एक और मेडिकल टीम में को एक। इसमें मैच फुटेज 30 सेकेंड की देरी से होगा जिसमें खिलाड़ियों की पाजीशन का डाटा, पासिंग, प्रेसिंग, स्पीड और टैकल्स के आंकड़े शामिल होंगे। 

इपीटीएस कैमरा आधारित प्रणाली है जिसे फीफा ने 2015 में ही मंजूरी दे दी थी। इसके लिये डाटा मुख्य स्टैंड पर स्थित दो ऑप्टिकल ट्रैकिंग कैमरा से जुटाया जायेगा जबकि टीमों के लिये चुनिंदा खास कैमरे भी लगे हैं। (और पढ़ें- FIFA World Cup: टीम के अच्छे प्रदर्शन के लिए महिलाओं के साथ ये धर्मगुरु कर रहे हैं पूजा, आप भी होंगे हैरान)

5G नेटवर्क 

वहीं रूस में 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल किया जायेगा, विश्व कप के अधिकारिक कम्यूनिकेशन साझीदार टीएमएस और मेगाफोन टूर्नामेंट के दौरान इस तकनीक का ट्रायल करेंगे। हालांकि यह 5जी नेटवर्क 2019 तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगा। 

चिप लगी टेलस्टर गेंद

सबसे अहम होगी ‘एडिडास की टेलस्टर 18’ बॉल। एडिडास 1970 से हर विश्व कप के लिये बॉल बना रहा है और हर बार कुछ नये बदलाव करता है। इस बार इसमें ‘नीयर फील्ड कम्यूनिकेशन’ चिप लगायी गयी है और यह वही तकनीक है जो एपल पे और एंड्रोइड पे में इस्तेमाल होती है जिससे यह स्मार्टफोन से कनेक्ट हो जाती है और पहली बार किसी भी मैच की गेंद में एनएफसी चिप को लगाया गया है। (फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें)

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