FIFA World Cup 2018: ग्रुप-एच में कोलंबिया और पोलैंड पर दांव, हो सकते हैं बड़े उलटफेर भी
By विनीत कुमार | Published: June 14, 2018 02:11 PM2018-06-14T14:11:05+5:302018-06-14T14:14:16+5:30
फीफा वर्ल्ड कप-2018 का ग्रुप-एच कम दिलचस्प नहीं है। इस ग्रुप में पोलैंड, सेनेगल, कोलंबिया और जापान की टीमें हैं।
नई दिल्ली, 14 जून: फीफा वर्ल्ड कप-2018 में ग्रुप-एच की बात करें तो ये कम दिलचस्प नहीं है। इस ग्रुप में पोलैंड, सेनेगल, कोलंबिया और जापान की टीमें हैं। पहली नजर में ऐसा लगता है कि पोलैंड और कोलंबिया की टीम अगले दौर में पहुंचने के बड़े दावेदार हैं। हालांकि, सेनेगल को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। सेनेगल ने आखिरी बार 2002 में वर्ल्ड कप खेला था और बड़े उलटफेर करते हुए सनसनी मचा दी थी। सेनेगल की टीम तब क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी। आईए, नजर डालते हैं इस ग्रुप पर..
पोलैंड: ये टीम 2006 के बाद पहली बार फीफा वर्ल्ड कप खेलेगी। पोलैंड की टीम कमोबेश उन्हीं खिलाड़ियों के साथ रूस पहुंची है जिन्होंने यूरो-2016 में हिस्सा लिया था। यह टीम यूरो-2016 के क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी जहां उसे पुर्तगाल से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पोलैंड को कम कर के आंका नहीं जा सकता। यह टीम फीफा रैंकिंग में 8वें पायदान पर है। (और पढ़ें- इस बिल्ले ने की भविष्यवाणी, FIFA वर्ल्ड कप के पहले मैच में जीतेगी ये टीम)
स्टार खिलाड़ी: जर्मनी के बायर्न म्यूनिख क्लब के लिए खेलने वाले रॉबर्ट लेवांडोस्की इस टीम के सबसे अनुभवी नाम है। रॉबर्ट ने पोलैंड के लिए सबसे अधिक गोल (55, 12 जून 2018 तक) करने वाले खिलाड़ी हैं। रॉबर्ट 29 साल के हैं और संभव है कि ये उनके लिए आखिरी वर्ल्ड कप होगा। जाकुब ब्लासजिकोवोस्की (32 साल) भी टीम के अनुभवी खिलाड़िय़ों में से एक हैं।
कोच: टीम के कोच एडम नवाल्का है। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने टीम के आक्रमक खेल की शैली में कुछ बड़े बदलाव किए और गेंद को ज्यादा से ज्यादा देर कर अपने पास रखने के तरीकों पर ज्यादा जोर दिया।
सेनेगल: साल 2002 में वर्ल्ड कप में डेब्यू के बाद यह टीम पहली बार विश्व कप का हिस्सा है। दिलचस्प ये है कि सेनेगल की टीम तब फ्रांस और स्वी़डेन जैसी टीमों हराते हुए क्वॉर्टर फाइनल में पहुंच गई थी। यह टीम फीफा रैंकिंग में 27वें स्थान पर है।
स्टार खिलाड़ी: लीवरपूल के लिए खेलने वाले सैडियो मेन अपनी गजब की तेजी के लिए जाने जाते हैं और खेल के दौरान फील्ड में हर जगह उनकी धमक दिखती है।
कोच: टीम के कोच एलिउ सिसे है, जो 2002 में वर्ल्ड कप खेलने वाली सेनेगल टीम के कप्तान थे। जाहिर है जो कमाल उनकी कप्तानी में तब टीम ने किया था, सिसे एक बार फिर उसी पल में बतौर कोच भी एक बार फिर लौटना चाहेंगे। (और पढ़ें- FIFA वर्ल्ड कप की 32 टीमों के बेस्ट खिलाड़ी, देखें टॉप पर है किस खिलाड़ी का नाम)
कोलंबिया: यह टीम ब्राजील में 2014 में हुए पिछले वर्ल्ड कप में क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी और एक बार फिर इस टीम में उस दोहराने और आगे जाने की क्षमता है। वर्ल्ड कप से 16 साल बाहर रहने के बाद कोलंबिया की टीम का यह लगातार दूसरा विश्व कप है। कोलंबिया को इस बार क्वॉलिफाई के लिए काफी संघर्ष भी करना पड़ा और आखिरी मैच के नतीजे तक उसे इंतजार करना पड़ा। फीफा रैकिंग में यह टीम 16वें स्थान पर है।
स्टार खिलाड़ी: जेम्स रोड्रिग्स टीम में शामिल उन सबसे बड़े नामों में हैं जिन पर फैंस की नजर होगी। रोड्रिग्ज ने पिछले वर्ल्ड कप में सबसे अधिक 6 गोल दागे थे और गोल्डन बूट जीतने वाले खिलाड़ी बने।
कोच: टीम को कोच अर्जेंटीना के जोस पेकरमैन हैं। जोस को 2006 में जर्मनी में हुए वर्ल्ड कप में के क्वॉर्टर फाइनल में अर्जेंटीना को पहुंचाने का श्रेय भी जाता है। (और पढ़ें- FIFA विश्व कप की यह टीम है जॉन अब्राहम की फेवरेट, फिर भी नहीं करेंगे सपोर्ट)
जापान: फीफा रैंकिंग में ये टीम 61वें स्थान पर है। टीम में कोई बहुत बड़ा नाम तो मौजूद नहीं है लेकिन शिंजी कगावा और शिंजी ओकाजाकी जैसे खिलाड़ियों के यूरोपीय क्लबों में खेलने का अनुभव टीम को फायदा पहुंचा सकता है। एशियन क्वॉलिफाइंग में जापान की टीम ग्रुप-बी में सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया से आगे पहले स्थान पर रही थी।
स्टार खिलाड़ी: बोर्सिया डोर्टमंड के लिए खेलने वाले शिंजी कगावा जापान के लिए 89 मैच खेल चुके हैं और अनुभव इस टूर्नामेंट में जापान के लिए अहम साबित होने वाला है। इसके अलावा ओकाजाकी, डिफेंडर युटो नागामोटो और मिडफील्डर कीसुके होंडा भी टीम के अहम खिलाड़ी हैं।
कोच: टीम के कोच वाहिद हालिहोद्जिक हैं। बोस्निया के 65 साल से वाहिद 2014 के वर्ल्ड कप में अल्जीरिया के कोच रह चुकी हैं और तब उत्तरी अफ्रीका की ये टीम आखिरी-16 में पहुंचने में कामयाब रही थी। (फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें)