FIFA: पेरू पर बड़ी जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया को करनी होगी दुआ, तभी मिलेगी नॉकआउट में एंट्री
By भाषा | Published: June 26, 2018 02:47 PM2018-06-26T14:47:28+5:302018-06-26T14:47:28+5:30
ऑस्ट्रेलिया को अंतिम 16 में पहुंचने के लिए पेरू पर बड़ी जीत के साथ ही ग्रुप सी के अन्य मैच में अनुकूल परिणाम की दुआ करनी होगी।
सोची, 25 जून। ऑस्ट्रेलिया को अगर विश्व कप के अंतिम 16 में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखना है तो उसे अपने अंतिम लीग मैच में पेरू पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करने के साथ ही ग्रुप सी के एक अन्य मैच में अनुकूल परिणाम की दुआ करनी होगी। पहले मैच में फ्रांस से 1-2 से पराजित होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे मैच में डेनमार्क को 1-1 से बराबरी पर रोककर नॉकआउट में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखा था, लेकिन उसके लिए अब भी राह कांटों भरी है।
ऑस्ट्रेलिया और पेरू विश्व कप में पहली बार एक दूसरे के आमने सामने होंगे। मैच भारतीय समयानुसार शाम सात बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा। ऑस्ट्रेलिया का दो मैचों में केवल एक अंक है और अगर वह पेरू को अच्छे अंतर से हरा देता है तो वह अगले दौर में पहुंच सकता है, लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि फ्रांस ग्रुप के एक अन्य मैच में डेनमार्क को पराजित करे। डेनमार्क के एक जीत और एक ड्रॉ से चार अंक हैं और केवल ड्रॉ से वह अगले दौर में पहुंच जाएगा। (फीफा वर्ल्ड कप की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी अब तक एकजुट होकर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उसकी तरफ से अब तक दोनों गोल माइक जेडिनाक ने किए हैं तथा स्ट्राइकर टोमी ज्यूरिच ने भी माना कि पेरू के खिलाफ उनकी अग्रिम पंक्ति को आक्रामक खेल दिखाना होगा।
ज्यूरिच ने कहा कि हमारे लिये सबसे महत्पूर्ण अनुकूल परिणाम हासिल करना है। हमें दूसरे मैच के परिणाम के लिये भी दुआ करनी होगी। अगर हम गोल करते हैं और मैच जीत जाते हैं तो यह मायने नहीं रखेगा कि हमने कैसे गोल किए। उन्होंने कहा कि हमें अच्छे परिणाम की जरूरत है लेकिन इसके लिए हमें निश्चित तौर पर पिछले मैचों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
जहां तक पेरू का सवाल है तो वह अपने पहले दोनो मैच फ्रांस और डेनमार्क से 0-1 के समान अंतर से हार गया था और ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच के बाद उसकी टीम स्वदेश लौट जाएगी। पेरू हालांकि सम्मान के साथ विदा लेना चाहेगा और इसके लिए उसकी निगाह विश्व कप 2018 में पहला गोल और पहली जीत दर्ज करने पर लगी है। (यह भी पढ़ें- FIFA: ईरान के खिलाफ एक भी गोल नहीं कर पाए रोनाल्डो, ये है गोल्डन बूट रेस की पूरी लिस्ट)
जैफरसन फारफान पूरी तरह से फिट नहीं है और पाओलो गुएरेरो अब तक अपने असली रंग में नहीं दिखे हैं ऐसे में पेरू की उम्मीदें आंद्रे कैरिलो पर टिकी हैं। वह अपनी तेजी से ऑस्ट्रेलियाई रक्षापंक्ति में दहशत पैदा कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया इस मैच में टिम काहिल को मौका दे सकता है लेकिन उसकी निगाह 19 वर्षीय डेनियल अर्जानी पर टिकी रहेगी। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के सबसे उदीयमान खिलाड़ियों में गिना जाता है जो अपनी तेजी और कौशल से विरोधी टीम को चौंकाने में सक्षम हैं।