दिल्ली के प्रदूषण के कहर से बचाएंगे ये तीन हेल्दी ड्रिंक्स, 2 मिनट में हो जाते हैं तैयार
By गुलनीत कौर | Published: November 8, 2018 04:21 PM2018-11-08T16:21:53+5:302018-11-08T16:21:53+5:30
अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, पल्मोनरी डिजीज से बचना है तो इस प्रदूषण भरे वातावरण में गुड़ का सेवन करें, लेकिन गुड़ कैसा हो इसका भी खास ख्याल रखें।
सर्दी का मौसम शुरू होते ही खांसी, जुकाम जैसी तकलीफें हर दूसरे व्यक्ति को अपनी जकड़ में लेना शुरू कर देती हैं। जिन्हें सांस संबंधी समस्या जैसे कि अस्थमा, सांस फूलना आदि होता है वे भी इस मौसम में परेशान हो जाते हैं। लेकिन दिल्ली एनसीआर में रहने वाले ऐसे रोगी केवल सर्दी ही नहीं, दिवाली के आने से भी घबरा जाते हैं।
क्योंकि दिवाली का समय इनके लिए ठंडी हवाओं के साथ धुंए, धूल, मिट्टी से भरा प्रदूषण भी लेकर आता है। यह प्रदूषण केवल अस्थमा के रोगियों के लिए ही नहीं, सभी के लिए जानलेवा बन जाता है। हर दूसरा व्यक्ति को सांस लेने में तकली और गला खराब होने जैसी दिक्कत होती है।
हाल फिलहाल में डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की खराब हवा के कारण सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले कुछ दिनों में सांस से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 60 फीसदी बढ़ी है।
दिल्ली के एम्स, सर गंगा राम हॉस्पिटल, फोर्टिस हॉस्पिटल और बड़े सरकारी अस्पतालों में अस्थमा अटैक, क्रोनिक पल्मनोरी डिजीज, सांस की तकलीफ और निमोनिया से पीड़ित मरीजों की भीड़ बढ़ रही है जिन्हें उचित चिकित्सा और देखभाल के लिए आईसीयू में भर्ती कराया जा रहा है।
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चलिए यह तो इन तकलीफों का वह गंभीर रूप है जिसमें डॉक्टरी सलाह के बिना काम नहीं चल सकता है। लेकिन अगर आप दिल्ली-एनसीआर की इस जहरीली हवा की चपेट में आ चुके हैं और अभी शुरुआती स्टेज पर ही हिं तो आपकी तकलीफ को कुछ आसान अपितु असरदार घरेलू नुस्खों से भी ठीक किया जा सकता है।
यहां हम आपको तीन खास ड्रिंक बनाना सिखाएंगे। ये ड्रिंक आप खुद घर पर बना सकते हैं। इन्हें बनाना केवल 2 मिनट का काम है। इन्हें पीने से सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, गला खराब होना, गले में खराश, प्रदूषित हवा से होने वाली ऐसी तमाम तकलीफों को जल्द से जल्द छूमंतर किया जा सकता है।
1. स्पेशल काढ़ा
पॉल्यूशन की वजह से गला खराब हो जाए, सांस लेने में तकलीफ हो तो एक खास काढ़ा तैयार करें। एक पैन में एक गिलास पानी, 5 से 6 तुलसी के पत्ते, थोड़ा अदरक, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा डालें और इस पानी को अच्छी तरह उबाल लें। जब पानी का रंग आपको बदलता हुआ दिखे तो गैस बंद कर दें। इस पानी को छान लें और गरमा गर्म पी जाएं।
2. गुड़ की चाय
प्रदूषण के कारण अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, पल्मोनरी डिजीज आदि का ख़तरा बढ़ जाता है और इन सबका असरदार इलाज गुड़ में पाया जाता है। इसलिए गुड़ वाली चाय बनाकर दिन में दो बार पिएं। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले पैन में पानी डालें। हल्का गर्म होने पर उसमें इलायची, सौंफ, चाय पत्ती डाल दें। चाय पत्ती का रंग छूटने पर उसमें दूध डालें और चाय के उबलने का इन्तजार करें।
अब एक बर्तन लें जिसमें आप ये चाय छानेंगे। इसमें पहले से ही सल्फर की कम मात्रा वाला गुड़ बारीक काटकर डाल दें। ऊपर से चाय छान लें और चम्मच से हिलाते हुए गुड़ को चाय में मिला लें। गुड़ को चाय बनाते समय दूध के साथ ना डालें। क्योंकि गुड़ में मौजूद सल्फर से दूध फट सकता है और चाय नहीं बनेगी।
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3. हींग
गला खराब हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो खाने की चीजों में हींग डालना शुरू कर दें। जिन चीजों में हींग डाल सकते हैं उसमें जरूर मिलाएं। इसके अलावा एक गिलसा पानी में हींग डालकर इस पानी को उबाल लें और इसे पिएं। यह पानी गले के दर्द को आरा देता है और सांस फूलने की तकलीफ को भी कम करता है।