इन चीजों को खाकर हृष्ट-पुष्ट और एक साथ कई रानियों को संभालते थे राजा-महाराजा
By उस्मान | Published: November 19, 2018 02:30 PM2018-11-19T14:30:57+5:302018-11-19T14:30:57+5:30
Secrets diet of our Ancient kings used for Healthy Sexual Life:राजा-महाराजाओं की कहानियां पढ़ते या देखते समय आपके जेहन में यह प्रश्न जरूर आता होगा कि वो इतने चुस्त-दुरुस्त कैसे रहते थे? घोड़े पर सवार होकर मैदान के जंग में दुश्मनों से कैसे लड़ते थे? और सबसे बड़ा सवाल एक साथ कई-काई रानियों को कैसे संभालते थे? ये सब काम करने के लिए ताकत की जरूरत होती है। वे ऐसी क्या-क्या चीजें खाते थे जिससे उन्हें इतनी ताकत मिलती थी?
राजा-महाराजाओं की कहानियां पढ़ते या देखते समय आपके जेहन में यह प्रश्न जरूर आता होगा कि वो इतने चुस्त-दुरुस्त कैसे रहते थे? घोड़े पर सवार होकर मैदान के जंग में दुश्मनों से कैसे लड़ते थे? और सबसे बड़ा सवाल एक साथ कई-काई रानियों को कैसे संभालते थे? ये सब काम करने के लिए ताकत की जरूरत होती है। वे ऐसी क्या-क्या चीजें खाते थे जिससे उन्हें इतनी ताकत मिलती थी?
जाहिर है हेल्दी और फिट रहने के लिए बेहतर डाइट बहुत जरूरी है। लेकिन अब वो जमाना बीत गया है, अब लोगों की थाली में वो चीजें नहीं रह गई हैं जो उस जमाने में राजा-महाराजा खाया करते थे। सबसे दुखद बात यह है कि आर्थिक रूप से मजबूत होते हुए भी लोग हेल्दी चीजों को डाइट में शामिल नहीं कर रह रहे हैं। चलिए जानते हैं राजा-महाराजाओं के खाने में क्या-क्या चीजें शामिल होती थी और उन्हें कैसे बनाया जाता था।
चावल के एक-एक दाने पर लगाया जाता था सिल्वर ऑयल
फेमस वेबसाइट फूडमेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य इतिहासकार सलमा हुसैन ने बताया कि राजा-महाराजाओं के लिए मेन्यू तैयार करने से पहले उनके हकीम खाने में शामिल होने वाली सभी चीजों के औषधीय रूप से फायदों को ध्यान में रखते थे। उन्होंने बताया कि बिरयानी बनाने से पहले एक-एक चावल को सिल्वर ऑयल से कोट किया जाता था। इस तेल से पाचन में सहायता मिलती है और यह कामोत्तेजक यानी लिबिडो बढ़ाने का काम करता है।
चिकन में डाला जाता था केसर और गुलाब जल
राजा-महाराजाओं के लिए चिकन बानाते समय उसमें केसर और गुलाब जल डाला जाता था। इतना ही नहीं मुर्गों की रोजाना कस्तूरी के तेल और चंदन के साथ मालिश की जाती थी। इस जमाने के बात करें, तो मुर्गों को गंदे कंटेनर में रखा जाता है जिससे बर्ड फ्लू जैसी कई बीमारियों का खतरा रहता है।
सोने-चांदी के बर्तनों में परोसा जाता था खाना
राजाओं को सोने, चांदी और मिटटी के बर्तनों में खाना परोसा जाता था। ड्रिंक्स और ठंडी मिठाई बनाने के लिए बर्फ का उपयोग किया जाता था। इस बर्फ को विशेष रूप से हिमालय से मंगाया जाता था। एक्सपर्ट मानते हैं कि चांदी और तांबे के बर्तनों में खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। अब लोग स्टील के बर्तन यूज करते हैं जिनके कोई नुकसान तो नहीं लेकिन फायदे भी कुछ नहीं हैं।
ऐसी होती थी सब्जियों की खेती
अकबर सहित ऐसे कई राजा थे जो हफ्ते में तीन बार शाकाहारी भोजन खाना पसंद करते थे। सब्जियों की खेती के दौरान गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता था और गुलाब जल भी छिड़का जाता था ताकि सब्जियों में सुगंध बनी रहे। आधुनिक खेती के बारे में बात करें, तो अब खेती की गुणवत्ता में गिरावट आई है सब्जियों में कीटनाशक का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।