आजादी से पहले बने हैं ये 3 रेस्टोरेंट, आज भी यहां के व्यंजनों का नहीं है कोई तोड़
By मेघना वर्मा | Published: April 20, 2018 02:46 PM2018-04-20T14:46:11+5:302018-04-20T14:46:11+5:30
आजादी के समय के रेस्टोरेंट की बात करते हैं तो सबसे पहले नाम याद आता है कॉफी हाउस का। इंडियन कॉफी हाउस की शुरुआत अक्टूबर 1957 में हुई थी।
अंग्रेजी की एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी 'ओल्ड इज गोल्ड'। पुरानी चीजों में कुछ तो बात होती थी जिसके चलते आज भी उन्हें याद किया जाता है। फिर चाहे बात वस्तुओं की हो, कपड़ों की या खाने-पीने की चीजों की, पुरानी चीजों की बात ही अलग होती है। अगर आपको भी पुरानी चीजों से प्यार है, लगाव है तो आज हम आपको भारत के उन रेस्टोरेंट के बारे मने बताने जा रहे हैं जो वर्षों पुराने हैं लेकिन आज भी चल रहे हैं। ये रेस्टोरेंट भारत की आजादी से भी पहले के हैं, इनमें से कुछ को खुले हुए 100 वर्ष से भी अधिक हो चुके हैं। लेकिन केवल वर्षों पुराना होना ही इन रेस्टोरेंट की खासियत नहीं है, इससे भी बड़ी खासियत है कि यहां का स्वाद आज भी बदला नहीं है और मॉडर्न ज़माने के महंगे से महंगे रेस्टोरेंट के पकवानों को यहां के व्यंजन आसानी से पछाड़ सकते हैं।
1. ग्लेनैरी रेस्टोरेंट, दार्जिलिंग
दार्जिलिंग की हसीं वादियों में बैठकर आपको अपने साथी के साथ पहाड़ों के नजारों के बीच फ्रेश बेक्ड ब्रेड के साथ हॉट कॉफ़ी पीने को मिल जाए तो क्या बात है ! देश की आजादी से पहले बने रेस्टोरेंट में सबसे पहला नाम ग्लेनैरी का आता है। मॉल रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित इस रेस्टोरेंट को दार्जिलिंग के लोग बहुत पसंद करते हैं। सिर्फ यही नहीं, देश और दुनिया भर से रोजाना पर्यटक यहां आते हैं।
ब्रिटिश शासकों के समय में बने इस रेस्टोरेंट की बनावट में ब्रिटिश कल्चर की झलक भी आपको मिल जाएगी।बताया जाता है कि पहले यह किसी ब्रिटिश अधिकारी का घर हुआ करता था जिसे समय के साथ बदलकर एक रेस्टोरेंट की रूप दी दिया गया। रेस्टोरेंट की पहले मंजिल पर बैठकर आप बाहर के खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके ग्राउंड फ्लोर पर बेकरी है जिसकी यहां के स्थानीय लोगों में बड़ी डिमांड है।
क्या खाएं: यहां आपको इंडियन खाने के अलावा कॉन्टिनेंटल और चाइनीज फूड मिल जायेगा। आप चाहें तो यहां का फेमस पेपर चिली चिकेन, फ्राइड चिकेन, चीज बॉल्स और क्रिस्पी पकौड़ा खा सकते हैं।
2. ब्रिटानिया एंड कोरपोशन, मुंबई
ब्रिटानिया कम्पनी का नाम आज बच्चे-बच्चे की जुबान पर है लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि इसकी शुरुआत ब्रिटिश टाइम से हुई थी। मुंबई में स्थित इस ब्रिटानिया रेस्टोरेंट में आज भी आपको पुरानी बम्बई की फीलिंग आयेगी। यहां के व्यंजनों की बात करें तो शुरूआती समय में यहां कॉन्टिनेंटल और पारसी खाना सर्व किया जाता था।
इस ब्रिटानिया रेस्टोरेंट को हर वर्ग उम्र और आय वाले लोगों के लिए बने गया था। यहां कॉलेज से लेकर ऑफिस तक के लोग आते हैं।
क्या खाएं: आप यहां जा रहे हो तो कोई भी साधारण डिश खाने की गलती ना करें। यहां मिलने वाली सबसे अच्छी डिश 'बेरी पुलाव' को जरुर ट्राई करें। पर्शियन इस डिश बेरी के इन पुलाव की डिमांड इतनी ज्यादा है कि लोग यहां से खा के तो जाते हैं साथ ही पैक करवा कर ले जा सकते हैं।
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3. कॉफी हाउस, दिल्ली
आजादी के समय के रेस्टोरेंट की बात करते हैं तो सबसे पहले नाम याद आता है कॉफ़ी हाउस का। इंडियन कॉफी हाउस की शुरुआत अक्टूबर 1957 में हुई थी। तब से लेकर अब तक यह तमाम हस्तियों की मौजूदगी का गवाह रहा है। इंडियन कॉफी हाउस अपनी तरह का अनोखा काफी हाउस है, जिसे एक कॉपरेटिव सोसायटी चलाती है।
इसके माध्यम से इसके एंप्लॉइज ही इसे मालिक हैं। इंटेलेक्चुअल तबके को बौद्धिक चर्चाओं के लिए एक माहौल देने के लिए इसे नो प्रॉफिट नो लॉस बेस पर चलाया जाता है। यही वजह है कि यहां पर कॉफी और स्नैक्स के दाम काफी रीजनेबल हैं। खास बात ये है कि दिल्ली में स्थित इस कॉफ़ी हाउस को एशिया के टॉप 25 फूड जॉइंट्स की लिस्ट में शामिल किया है।
क्या खाएं: दिल्ली में रहते हैं या दिल्ली से कहीं बाहर आपको एक ना एक बार दिल्ली के इस कॉफ़ी हाउस में आकर यहां के स्नैक्स जरूर ट्राई करें। यहां की सबसे पसंदीदा डिश कीमा डोसा खाना ना भूलें। आपको यहां पर एग बिरयानी भी पसंद आएगी।