UPSC Result 2019: पेट्रोल पंप पर काम करते हैं पिता, बेटा बना IAS, 26वें स्थान पर चयन
By मुकेश मिश्रा | Published: August 4, 2020 05:32 PM2020-08-04T17:32:55+5:302020-08-04T18:01:01+5:30
मध्य प्रदेश में पहली रैंक लगी है. वह मेहनत कर आइएएस बनने का सपना पूरा किया. जो 2018 की परीक्षा में वे चूक गए थें. तब इनकी 93वीं रैंक आई थी. फिलहाल वे इनकम टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर अपनी सेवाएं भारत सरकार को दे रहे है.
इंदौरः प्रतिभा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती यह कहावत इन्दौर के एक होनहार युवा प्रदीप सिंह ने कर दिया. पेट्रोल पम्प में छोटी से नौकरी करने वाले पिता के इस पुत्र ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम- 2019 के घोषित फाइनल रिजल्ट में 26 वीं रैंक हासिल कर प्रदेश में टॉपर बनें.
मध्य प्रदेश में पहली रैंक लगी है. वह मेहनत कर आइएएस बनने का सपना पूरा किया. जो 2018 की परीक्षा में वे चूक गए थें. तब इनकी 93वीं रैंक आई थी. फिलहाल वे इनकम टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर अपनी सेवाएं भारत सरकार को दे रहे है.
लसूडिया क्षेत्र के इंडस सेटेलाइट में रहने वाले प्रदीप सिंह के पिता मनोज सिंह ने शहर के एक पेट्रोल पम्प में कर्मचारी के रूप में नौकरी करते थे. कुछ समय पहले ही पिता ने अपनी नौकरी छोड़ी है. देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय से बीकॉम करने के बाद प्रदीप ने आइएएस बनने का सपना देखा था.
इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और 16-16 घंटे पढाई करी.प्रदीप बताते है कि इसके लिए उन्होंने अपने शौक तक त्याग दिया. यह तक अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की शादी तक में नहीं गए. लक्ष्य सिर्फ आईएएस बनने का था. 2018 में उन्होनें सिविल सर्विसेस का एक्जाम दिया.
उस समय उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 93 आई. उनका चयन आइआरएस में हुआ और वे इंकम टैक्स में असिस्टेंट कमिश्नर बनें. लेकिन वे अपनी इस सफलता से खुश नहीं थे. मन में यह बात खटकती थी कि वे आयएएस बनने से चूक गए. प्रदीप ने हार नहीं मानी. एक बार फिर उन्होनें सिविल सर्विसेस एक्जाम देने की ठानी.
नौकरी के साथ साथ उन्होनें पढ़ाई जारी रखी. जब भी समय मिलता वे तैयारी वे अपनी तैयारी में जुट जाते. वे बताते है कि रात में जाग कर वे अपनी तैयारी करते. सिर्फ कुछ घंटों की ही नींद लेते. उनकी मेहनत रंग लायी. मंगलवार को सिविल सर्विसेस एग्जाम-2019 का रिजल्ट घोषित किया तो उसमें प्रदीप सिंह ने ऑल इंडिया रैंक में 26 वीं रैंक हासिल कर प्रदेश में टॉपर रहें.
प्रदीप बताते है कि 2018 में चूकने के बाद वे तनाव में थें. अब वह तनाव खत्म हुआ. उनका पिता ने जो मेहनत की आज वह मेहनत ने अपना रंग दिखाया है.पिता के मेहनत देखकर ही वे आयएएस बनने के लिए प्रेरित हुए. छोटे से परिवार में प्रदीप के अलावा एक भाई सन्दीप सिंह, पिता मनोज सिंह और माता अनिता सिंह है.