UPSC Civil Services Final Result 2019: 15 दिन बाद जारी होंगे मार्क्स, प्रदीप सिंह बोले-सबसे बड़ा हाथ मेरे पिताजी का
By एसके गुप्ता | Published: August 4, 2020 08:48 PM2020-08-04T20:48:34+5:302020-08-04T20:51:13+5:30
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया टॉपर प्रदीप सिंह ने कहा कि मैंने उम्मीद नहीं की थी कि मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आएगी। मुझे काफी अच्छा लग रहा है। मेरा परिवार और दोस्त काफी खुश हैं। जो भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए मेरा एक ही संदेश है कि आप खुद पर भरोसा रखें।
नई दिल्लीः संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) ने 2019 की फाइनल परीक्षा का परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया। इसमें प्रदीप सिंह (हरियाणा) ऑलइंडिया टॉपर रहे हैं।
ऑल इंडिया में तीसरे नंबर पर रही प्रतिभा वर्मा ने महिला वर्ग में पहला स्थान हासिल किया है। सभी चयनित 829 उम्मीदवारों से यूपीएससी ने कहा है कि मार्क्स मार्क्स 15 दिन बाद आयोग की वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे।
इससे देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा के आधार पर चुने गए ब्यूरोक्रेट्स को यह पता चलेगा कि उन्हें मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में कितने अंक हासिल हुए हैं। कोरोना की वजह से इस परीक्षा के आयोजन, साक्षात्कार और परिणाम जारी होने में करीब 18 माह का समय लगा है।
180 आईएएस, 24 आईएफएस, 150 आईपीएस चयनित
जारी परिणाम में 180 आईएएस, 24 आईएफएस, 150 आईपीएस, 438 सेंट्रल ग्रुप ए सर्विस और 135 ग्रुप बी सर्विसेज के लिए चयनित हुए हैं। इनमें 66 उम्मीदवारों का चयन प्रोविजनल है। जबकि 11 उम्मीदवारों का परिणाम रोका गया है।
यूपीएससी के अनुसार किसी भी उम्मीदवार को जारी परिणाम से जुड़ा कोई प्रश्न पूछना है तो वह कार्य दिवसों में यूपीएससी कैंपस परिसर में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक जानकारी हासिल कर सकता है। इसके अलावा आयोग के 23385271, 23381125, 23098543 नंबरों पर फोन करके भी जानकारी ले सकते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा परिणाम 2019 में प्रदीप सिंह के बाद दूसरे स्थान पर जतिन किशोर रहे हैं। चयनित 829 उम्मीदवारों में 304 उम्मीदवार सामान्य श्रेणी से, 78 ईडब्ल्यूएस, 251 ओबीसी, 129 एससी और 67 एसटी श्रेणी से हैं।
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तीन चरण में
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तीन चरण में होती है। प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लोगों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाता है। मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर चयनित ब्यूरोक्रेट्स की मेरिट लिस्ट जारी होती है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित केंद्र सरकार की अन्य प्रतिष्ठित सेवाओं में चयन किया जाता है।
मेरी कामयाबी में सबसे बड़ा हाथ मेरे पिताजी का है
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया टॉपर प्रदीप सिंह ने कहा कि मैंने उम्मीद नहीं की थी कि मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आएगी। मुझे काफी अच्छा लग रहा है। मेरा परिवार और दोस्त काफी खुश हैं। जो भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए मेरा एक ही संदेश है कि आप खुद पर भरोसा रखें।
अगर आपको कभी लगे कि आप यह नहीं कर पाएंगे तो उस कारण को याद करें जिसके लिए आपने तैयारी शुरू की थी, अपने प्रेरणा स्रोत के टच में रहें। मेरे पिताजी मेरे लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। एक बार जब मैं जॉब करता था तो मुझे लगा कि मैं जॉब करते हुए नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने मुझे प्रेरित किया। उन्हीं की प्रेरणा से मैंने दोबारा तैयारी शुरू की। मेरी कामयाबी में सबसे बड़ा हाथ मेरे पिताजी का है।
किसान का बेटा हूं किसानों के लिए करना चाहता हूं काम
संघ लोक सेवा आयोग के नतीजों में पहला स्थान हासिल करने वाले प्रदीप सिंह मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत में रहते हैं। इनके पिता किसान हैं और पिछली बार यूपीएससी की 2018 की परीक्षा में उन्हें 260 रैंक हासिल हुई थी। इस बार उन्होंने यूपीएससी टॉप कर पूरे हरियाणा का नाम रोशन कर दिया है। पिता सुखबीर सिंह ने लोकमत से खास बातचीत में कहा कि बेटे की इस उपलब्धि पर उन्हें नाज है। उन्होंने कहा था कि बेटा अफसर बने यह तो सपना देखा था लेकिन अफसर बनने की परीक्षा में अव्वल आ जाए यह बहुत ही गौरव की बात है।
मूल रूप से तेवड़ी गांव के रहने वाले प्रदीप अपनी सफलता का श्रेय पिता की मेहनत और उनके विश्वास को देते हैं। प्रदीप ने लोकमत से कहा कि ये उनका चौथा प्रयास था। प्रदीप ने कहा कि पिछली बार रैंक 260 थी इस बार सोचा था कि उसमें सुधार होगा। लेकिन टॉप हो जाएगा यह सपने से बढ़कर सच होने जैसा है। प्रदीप ने दो टूक कहा कि किसान परिवार में परवरिश होने के कारण शुरू से ही यह सोच रही है कि गरीबों और किसानों के लिए जीवन में कुछ कर सकूं।
प्रदीप फिलहाल इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज में सेवारत हैं। प्रदीप का कहना है कि वह अपना गृह राज्य हरियाणा कैडर लेना चाहते हैं। क्योंकि पिता साधारण किसान हैं। मेरा परिवार हमेशा सुख दुख में साथ खड़ा रहा और पिता ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
प्रदीप के पिता सुखबीर ने कहा कि मैने हमेशा प्रदीप से कहा कि आगे बढ़ते रहो सफलता जरूरी मिलेगी। उसने रात दिन मेहनत की और नतीजा सामने है। मैने बच्चों की पढ़ाई के लिए तेवड़ी गांव छोड़ 20 साल पहले सोनीपत आकर रहना शुरू कर दिया था। उस समय का निर्णय आज सही साबित हुआ है। फिलहाल प्रदीप के घर लगातार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, जहां खुशी और जश्न का माहौल है।