Coronavirus: लॉकडाउन के दौरान स्कूल नहीं लेंगे बच्चों से फीस, आदेश नहीं मानने पर मान्यता होगी रद्द
By सुमित राय | Published: March 27, 2020 10:03 AM2020-03-27T10:03:16+5:302020-03-27T10:03:16+5:30
शिक्षा सचिव ने कहा कि निर्देश नहीं मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सरकार स्कूल की मान्यता भी रद्द कर सकती है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। इसके बाद से लोगों को आर्थिक तंगी का डर सताने लगा है। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने लोगों को राहत दी है और ऐलान किया है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल बच्चों से फीस नहीं लेंगे।
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों पर लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस मांगने पर रोक लगा दी है। सरकार ने इसके साथ ही उन स्कूलों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं जो बच्चों की फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं।
उत्तराखंड की शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, 'कोई भी स्कूल लॉकडाउन के दौरान बच्चों और अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव नहीं बना सकते। अगर वे ऐसा करते हैं तो इसे अनुचित समझा जाएगा। निर्देश नहीं मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सरकार स्कूल की मान्यता भी रद्द कर सकती है।'
बता दें कि कोरोना वायरस दुनिया के साथ-साथ भारत में भी तेजी से फैल रहा है और अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 724 पहुंच गई है, जबकि इस महामारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं उत्तराखंड में संक्रमित लोगों की संख्या 4 पहुंच गई है।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में 677 भारतीय हैं, जबकि 47 विदेशी नागरिक हैं। दुनियाभर में कोरोना की चपेट में 5.32 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं और मरने वालों की संख्या 24 हजार को पार कर गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मंगलवार (24 मार्च) को पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने बताया कि इस अवधि तक सड़क, रेल और हवाई सेवाएं स्थगित रहेंगी, लेकिन जरूरी सेवाओं की चीजें पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
इसके बाद गृह मंत्रालय ने छह पन्नों का एक दिशानिर्देश जारी किया, जिसके मुताबिक रियायती मूल्य पर सामान देने वाले, खाने पीने के सामान, किराने की दुकान, सब्जी, फल, मांस, मछली और जानवरों के खाने के दुकानें खुली रहेंगी।