साइंस के 5 छात्रों ने दुनिया को दिखाया भारत का दम, फिजिक्स ओलंपियाड में भारत को पांच गोल्ड मेडल
By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 30, 2018 02:17 PM2018-07-30T14:17:32+5:302018-07-30T14:18:04+5:30
इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में दुनिया भर के करीब 400 बच्चों ने भाग लिया था।
लिस्बन, 30 जुलाईः भारत के सभी पांच प्रतिनिधियों ने इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड 2018 (आईपीएचओ) में गोल्ड मेडल जीतकर भारत की शान बढ़ाई। पिछले सप्ताह पुर्तगाल के लिस्बन में आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत की ओर प्रतिनिधित्व करने गए सभी छात्रों ने गोल्ड जीतकर देश का नाम ऊंचा किया। इस श्रृंखला के 21 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भारत ने यह कर दिखाया। भारत के अलावा चीन एकमात्र ऐसा देश है, जो इस 86 देशों की ओर की भागीदारी वाली प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतता है।
इस बार भारत की ओर से मुंबई भास्कर गुप्ता, राजस्थान के कोटा के लय जैन, राजकोट के निशांत अभंगी, जयपुर के पवन गोयल और कोलकाता के सिद्धार्थ तिवारी 49वें आईपीएचओ में भारत को पांच गोल्ड दिलाया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने आए विश्वभर के करीब 396 छात्रों ने कुल द्विस्तरीय बाधा को पार करते हुए 42 गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ओर से टीम का नेतृत्व कर रहे होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन के वैज्ञानिक अधिकारी प्रवीन पाठक ने बताया कि इस बार टीम का प्रदर्शन अभूतपूर्व रहा। उन्होंने कहा, हम इस प्रतियोगितास में साल 1998 से हर साल भाग ले रहे हैं। लेकिन यह पहला साल है जब हमें सारे गोल्ड मैडल मिले। इससे पहले हम 2016 में चार गोल्ड और एक सिल्वर मैडल जीत चुके हैं।
इसमें खास बात यह है कि लय जैन और पवन गोयल इस साल जेईई (एडवांस) के टॉप 100 रैंक में से हैं। गुप्ता और तिवारी को भी बेहतर रैंक मिली थी। इनमें से तीन छात्रों ने आईआईटी को चुना है। जबकि जैन में एमआईटी, अमेरिका का रुख किया है। वहां वे कंप्यूटर और विज्ञान व भौतिकी के संयुक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश ले चुके हैं। अभंगी इसमें सबसे छोटे हैं। वे अभी 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं और जेईई (एडवांस) की तैयारी कर रहे हैं।
प्रतियोगिता के बारे में गोयल बताते हैं, इसमें प्रैक्टिकल पर आधारित सवाल बहुत ही कठिन थे। हालांकि थ्योरी से संबंधित सवाल आसान थे। हममे से तीन ने 30 में से 30 या 29 अंक हासिल किए थे। मुंबई के जुहू में रहने वाले और शतरंज को लेकर जुनूनी भास्कर गुप्ता को भी प्रायोगिक सवाल काफी कठिन लगे। इस प्रतियोगिता के लिए इन पांचों का चलन होमी भाभा सेंटर ने किया था। टीम आज भारत वापसी कर सकती है।
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