साल 2020 से नहीं खुलेगा कोई इंजीनियरिंग कॉलेज, ये है वजह
By स्वाति सिंह | Published: January 19, 2019 09:19 AM2019-01-19T09:19:16+5:302019-01-19T12:08:36+5:30
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016-17 में इंजीनियरिंग संस्थानों की लगभग 51 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं।
साल 2020 से नए इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता मिलना मुश्किल हो सकता है।यह फैसला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने लिया है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की एक विशेष कमिटी ने एआईसीटीई से इस मामले में सिफ़ारिश की थी कि आगामी साल से नए इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता न दी जाए। इसके बाद ही एआईसीटीई यह निर्णय किया है।
खबरों की मानें तो सरकार ने इंजीनियरिंग पढ़ाई की क्वालिटी सुधारने और कॉलेजों में घटते एडमिशन को देखते हुए एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के पूर्व अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी को इस कमिटी का प्रमुख बनाया गया था। इस कमिटी ने दो सिफारिश की गई थी जिसमें नए इंजीनियरिंग संस्थानों को मान्यता ना देने और हर दो साल में संस्थानों की स्थिति की समीक्षा की जाने की बात कही गई।
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि समिति द्वारा की गई सिफ़ारिशों पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षो में देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में बड़ी तादाद में सीटें लगातार खाली छूट रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016-17 में इंजीनियरिंग संस्थानों की लगभग 51 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं। जबकि इंजीनियरिंग की शाखाओं में यह आंकड़ा 60 फीसदी से भी ज़्यादा बताया गया है। मालूम हो कि इस वक्त देश में लगभग 3,297 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं।जिनमें बीई/बीटेक की लगभग 15.5 लाख के सीटें हैं।