अब साइंस-मैथ में कमजोर नहीं रहेंगे छात्र, मोदी सरकार ने खोज निकाला ये नया तरीका
By भाषा | Published: January 17, 2019 03:46 PM2019-01-17T15:46:50+5:302019-01-17T15:46:50+5:30
जावडेकर ने 21वीं सदी में विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि बच्चों में प्राथमिक विद्यालयों से ही अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढाना महत्वपूर्ण है।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के आईआईटी, आईआईएसईआर और बड़े विश्वविद्यालय अपने परिसरों के पास के स्कूलों में यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि छात्र गणित और विज्ञान विषयों में कमजोर नहीं रहें।
जावडेकर ने 21वीं सदी में विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि बच्चों में प्राथमिक विद्यालयों से ही अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘गणित को मनोरंजक तरीके से पढाया जा सकता है। छात्रों के लिए उचित ढंग से गणित और विज्ञान पढने और समझने के लिए बहुत बड़े उपकरण नहीं बल्कि केवल सामान्य विचार जरूरी हैं। इसलिए, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बड़ी भूमिका निभाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने (मोदी सरकार) आज फैसला किया है कि आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), आईआईएसईआर (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान), बड़े और अच्छे विश्वविद्यालय पास के 10-15 स्कूलों का मार्गदर्शन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इन स्कूलों के छात्रों को गणित और विज्ञान में उचित प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे इन विषयों में कमजोर नहीं रहें।’’
जावडेकर यहां ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन’ के तहत आयोजित एक कार्यक्रम से इतर बात कर रहे थे।