मोदी सरकार का निर्देश, IIT और IIM जैसे संस्थानों में प्राध्यापकों की नियुक्ति में जाति आधारित आरक्षण हो सुनिश्चित

By विनीत कुमार | Published: November 21, 2019 08:41 PM2019-11-21T20:41:34+5:302019-11-21T20:41:34+5:30

मानव संसाधान मंत्रालय की ओर से दिसंबर 2018 में दी गई रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी में 9 प्रतिशत फैकल्टी सदस्य एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, आईआईएम में ये 6 प्रतिशत है।

Narendra Modi govt to IITs and IIMs to ensure caste-based reservation in hiring of faculty | मोदी सरकार का निर्देश, IIT और IIM जैसे संस्थानों में प्राध्यापकों की नियुक्ति में जाति आधारित आरक्षण हो सुनिश्चित

IIT और IIM जैसे संस्थानों में सीनियर लेवल पर भी नियुक्ति में आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश

Highlightsआईआईटी, आईआईएम जैसे तकनीकी संस्थानों में प्राध्यापकों की नियुक्ति में आरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देशमानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने संविधान के तहत फैकल्टी की नियुक्ति में भी आरक्षण देने को कहा

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सरकार से संबंधित तकनीकी संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम और आईआईएसईआर में शिक्षण पदों पर भर्ती के लिए जाति-आधारित आरक्षण नीति लागू करने को कहा है। इस में सीनियर पद भी शामिल हैं। इस संबंध में निर्देश इसी हफ्ते की शुरुआत में भेजे गये। रिपोर्ट्स के अनुसार ये संस्थान संविधान के तहत जरूरी आरक्षण के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। 

संविधान के प्रावधान के अनुसार ये जरूरी है कि सभी सरकारी संस्थान 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रखें।

'द प्रिंट' की एक रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी और आईआईएम पूर्ण रूप से रिजर्वेशन लागू नहीं कर रहे थे। आईआईटी केवल शुरुआती स्तर पर असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए दलित, ट्राइबल्स और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण देता रहा है।

वहीं, आईआईएम प्रध्यापकों की नियुक्ति में जातिगत आरक्षण का पाल नहीं कर रहा था। इसके पीछे डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के 40 साल से ज्यादा पुराने निर्देशों को आधार बनाया गया था जिसके तहत तकनीती पोस्ट के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा। नये निर्देश के अनुसार अब सभी संस्थानों को सीनियर लेवल पर भी आरक्षण देना अनिवार्य होगा।   

मानव संसाधान मंत्रालय की ओर से दिसंबर 2018 में दी गई रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी में 9 प्रतिशत फैकल्टी सदस्य एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, आईआईएम में ये 6 प्रतिशत है। आईआईएम में अब तक कोई आरक्षण नहीं था। 90 प्रतिशत फैकल्टी जनरल वर्ग से आते हैं।

सरकार के साथ 18 आईआईएम केंद्रों (अहमदाबाद और इंदौर शामिल नहीं) ने अपना डाटा साझा किया था। इसमें 16 के पास एक भी एसटी वर्ग का प्राध्यापक नहीं है। वहीं, 12 के पास एससी वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है। साथ ही 7 आईआईएम में कोई भी अन्य पिछड़ा वर्ग का फैकल्टी सदस्य नहीं है।

Web Title: Narendra Modi govt to IITs and IIMs to ensure caste-based reservation in hiring of faculty

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