दिल्ली के बाहर JNU खोलेगा अपना सेटेलाइट कैंपस, इन नए कोर्सों पर होगा फोकस
By धीरज पाल | Published: October 23, 2018 01:33 PM2018-10-23T13:33:12+5:302018-10-23T13:33:12+5:30
हालांकि कैंपस किस जगह और कहां बनाया जाएगा, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। इसके लिए इग्जेक्युटिव काउंसिल ने एक कमिटी बनाएगी।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के बाहर दूसरी जेएनयू खोलने की योजना बना रही है। इस योजना को जेएनयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (एसी) ने मंजूरी भी दे दिया है। बता दें कि दिल्ली से बाहर जेएनयू अपना एक नया परिसर शुरू करेगा। यह एक सैटेलाइट कैंपस होगा। इस कैंपस से छात्रों को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में नहीं आना पड़ेगा। बल्कि वो सैटलाइट कैंपस में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जेएनयू कि एग्जीक्यूटिव काउंसिल (एसी) मीटिंग में तय किया गया है कि यह एक सैटलाइट कैंपस होगा। हालांकि कैंपस किस जगह और कहां बनाया जाएगा, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। इसके लिए इग्जेक्युटिव काउंसिल ने एक कमिटी बनाएगी। यह कमेटी फंडिंग से लेकर पूरा खाका तैयार करेगी।
बता दें कि सोमवार को हुई जेएनयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया। बैठक में देश के विभिन्न राज्यों में कैंपस खोलने के प्रस्ताव को सदस्यों ने पास कर दिया। इसके लिए जेएनयू एक्ट 1966 में संशोधन भी किया जाएगा।
जेएनयू के प्रशासन का कहना है कि स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड आंत्रप्रिन्योरशिप के अलावा धीरे धीरे यूनिवर्सिटी कई नई प्रोजेक्ट शुरू करना चाहती है।
सैटेलाइट कैंपस प्रोफेशनल कोर्स पर फोकस करेगा। इसका मकसद छात्रों को घर के पास गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा मुहैया करवाना है। डीयू, डीटीयू व आंबेडकर यूनिवर्सिटी की तर्ज पर जेएनयू के एनसीआर में कैंपस होंगे।