JNU छात्रसंघ ने हॉस्टल मैनुअल में संशोधन के आईएचए के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, संशोधन में है फीस में बढ़ोतरी का प्रावधान
By भाषा | Published: January 21, 2020 07:53 PM2020-01-21T19:53:02+5:302020-01-21T19:53:02+5:30
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों साकेत मून, सतीश चंद्र यादव और मोहम्मद दानिश ने याचिका दाखिल की।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) के हॉस्टल मैनुअल में संशोधन करने के फैसले को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। इस संशोधन में फीस में बढ़ोतरी का प्रावधान है।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों साकेत मून, सतीश चंद्र यादव और मोहम्मद दानिश ने याचिका दाखिल की। याचिका में पिछले साल 28 अक्टूबर को जारी आईएचए की कार्यवाही के विवरण और 24 नवंबर को गठित उच्च स्तरीय समिति के अधिकार क्षेत्र और उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं।
वकील अभिक चिमनी के जरिए दाखिल याचिका में हॉस्टल मैनुअल को रद्द करने के लिए निर्देश की मांग करते हुए आईएचए के फैसले को दुर्भावनापूर्ण, मनमाना, अवैध और छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला बताया गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि छात्रावास मैनुअल में संशोधन जेएनयू कानून, 1966 , अध्यादेश और हॉस्टल मैनुअल के प्रावधानों के विपरीत है । याचिका के मुताबिक, संशोधन के जरिए आईएचए में जेएनयूएसयू का प्रतिनिधित्व घटा दिया गया है।
छात्रावास में रहने वालों के लिए लागू दरों में इजाफा किया गया है और हॉस्टल मैनुअल के नियमों को भी संशोधित किया गया है, जिससे विश्वविद्यालय में आरक्षित श्रेणी के छात्रों पर बुरा असर पड़ा है । उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में आईएचए की बैठक के ब्योरे को भी चुनौती दी गयी जिसमें कहा गया कि हर शैक्षाणिक सत्र में मेस सुविधा, सफाई सुविधा, कमरे की दर समेत अन्य शुल्कों में हर साल 10 प्रतिशत की बढोतरी होगी।