अगले साल से JEE-मेन में रैंगिक के लिए पर्सेंटाइल स्कोर का लिया जाएगा सहारा, होंगे ये बदलाव

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 6, 2018 04:25 PM2018-09-06T16:25:08+5:302018-09-06T16:25:36+5:30

एनटीए ने साल 2019 से जेईई-मेन की परीक्षा का आयोजन साल में दो बार कराएगी। यह आयोजन जनवरी औ अप्रैल में होंगे। जेईई-मेन की परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी।

jee main 2019 changes merit list to be based on percentile scores | अगले साल से JEE-मेन में रैंगिक के लिए पर्सेंटाइल स्कोर का लिया जाएगा सहारा, होंगे ये बदलाव

अगले साल से JEE-मेन में रैंगिक के लिए पर्सेंटाइल स्कोर का लिया जाएगा सहारा, होंगे ये बदलाव

नई दिल्ली, 06 सितंबर: साल 2019 से होने वाले इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (IIT) समेत कई इंजिनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE-Main) में बदलाव किए गए हैं। जेईई-मेन में दो बड़े बदलाव किए गए है। पहला बदलाव रैंकिंग से संबंधित है और दूसरा परीक्षा के माध्यम और फॉर्मेट में बदलाव किया गया है। मालूम हो कि जेईई जैसी कई कांपटिटिव एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी। एनटीए ने रैंकिंग के लिए छात्रों के पर्सेंटाइल स्कोर को आधार बनाया है। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) साल में दो बार इसका आयोजन करेगी। 

हर साल होंगे दो बार एग्जाम 

एनटीए ने साल 2019 से जेईई-मेन की परीक्षा का आयोजन साल में दो बार कराएगी। यह आयोजन जनवरी औ अप्रैल में होंगे। जेईई-मेन की परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी। छात्रों एक या दोनों परीक्षाओं में सम्मिलित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए ताकि परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी और गड़बड़ी पर रोक लग सके। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एनटीए के एक अधिकारी ने बताया, 'हर सेशन में छात्रों को सवालों के अलग सेट्स मिलेंगे। उन्होंने बताया कि यह कोशिश रहेगी कि सभी सत्रों के क्वेस्चन पेपर में बराबर कठिनाई स्तर वाले सवाल पूछे जाएं लेकिन किसी सत्र का क्वेस्चन पेपर ज्यादा कठिन तो किसी सेशन का पेपर थोड़ा आसान हो सकता है। प्रश्नपत्रों में कठिनाई के स्तर से निपटने के लिए यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक सेशन का पर्सेंटाइल स्कोर उस खास सेशन में छात्रों के प्रदर्शन के अनुसार होगा।'   

पर्सेंटाइल से होगी रैंकिंग

इस बार एनटीए ने छात्रों के रैकिंग के लिए पर्सेंटाइल का सहारा लेगी। यानी कि आपको कितने छात्रों से ज्यादा नंबर मिला। जैसे अगर आपका पर्सेंटाइल 60 फीसदी है तो इसका मतलब हुआ कि आपने 60 फीसदी उम्मीदवारों से ज्यादा मार्क्स हासिल किए हैं। इसके लिए सबसे पहले एग्जाम के सभी सेशन का अलग-अलग पर्सेंटाइल स्कोर निकाला जाएगा। फिर उन पर्सेंटाइल स्कोर को एक साथ मिलाकर ओवरऑल मेरिट और रैंकिंग तैयार की जाएंगी। अगर दो या उससे ज्यादा कैंडिडेट्स का बराबर पर्सेंटाइल हुआ तो जिस कैंडिडेट का मैथ, फीजिक्स, केमिस्ट्री में ज्यादा पर्सेंटाइल होगा, उसका पर्सेंटाइल ज्यादा माना जाएगा। 

Web Title: jee main 2019 changes merit list to be based on percentile scores

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