DU कुलपति से एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों ने की मुलाकात, शिक्षकों से की हड़ताल वापस लेने की अपील
By भाषा | Published: January 16, 2020 01:22 PM2020-01-16T13:22:46+5:302020-01-16T13:22:46+5:30
इन शिक्षकों की मांग है कि सभी तदर्थ शिक्षकों को स्थायी तौर पर सेवा में रखा जाए और तदर्थ शिक्षकों के तौर पर उनके कार्यकाल को उनकी कुल सेवा के हिस्से के तौर पर माना जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी से विश्वविद्यालय में भर्तियों के मामले को लेकर मुलाकात की और आंदोलनरत शिक्षकों से अपनी हड़ताल वापस लेने की अपील भी की। शिक्षक करीब एक महीने से हड़ताल पर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षक चार दिसम्बर से हड़ताल पर हैं।
इन शिक्षकों की मांग है कि सभी तदर्थ शिक्षकों को स्थायी तौर पर सेवा में रखा जाए और तदर्थ शिक्षकों के तौर पर उनके कार्यकाल को उनकी कुल सेवा के हिस्से के तौर पर माना जाए। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एचआरडी के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने त्यागी और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। संबंधित हितधारकों से अपील की जाती है कि अपना आंदोलन वापस ले लें और छात्रों के हित में संस्थानों व कालेजों के सामान्य संचालन के लिए काम करें।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय अधिकारियों ने कहा कि वे सभी कालेज और संस्थानों से पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि स्थायी रिक्तियों को भरने से पहले एक अंतरिम व्यवस्था के तहत पहले तदर्थ, अस्थायी, संविदा और गेस्ट फैकल्टी के तौर पर नियुक्तियां करें। साथ ही विश्वविद्यालय ने ईडब्ल्यूएस योजना के तहत फैकल्टी की अतिरिक्त जरूरत का मुद्दा यूजीसी के साथ उठाया है।’’
मंत्रालय ने पिछले महीने एक बार राहत की पेशकश की थी जिसके तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी तदर्थ शिक्षकों को स्थायी पदों के लिए साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने की इजाजत दी गई थी और दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा गया था कि वह तदर्थ शिक्षकों को उनके पद पर काम करते रहने दें। विश्वविद्यालय को यह भी निर्देश दिया गया था कि वह तदर्थ शिक्षकों को उनके पदों पर तब तक काम करते रहने दे जब तक स्थायी पदों को भर नहीं दिया जाता।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने पिछले महीने हुए निर्णयों को लागू करने के लिए उठाये जा रहे कदमों का जायजा लिया। विश्वविद्यालय शिक्षकों के पदोन्नति के प्रारूप को अंतिम रूप देगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय यूजीसी नियमों के अनुसार पूर्व की सेवा की गणना जारी रखेगा।’’
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डीयूटीए) के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें रखने के लिए पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी। शिक्षकों ने नौकरियों को नियमित करने की मांग को लेकर पिछले महीने एक अनिश्चितकालीन हड़ताल और मूल्यांकन के बहिष्कार की घोषणा की थी। शिक्षकों ने साथ ही इस अवधि के दौरान यूजीसी और एचआरडी मंत्रालय तक विरोध मार्च किये हैं।